स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक हैं
खास बातें
- स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी मानव जाति के लिए प्रासंगिक हैं
- विवेकानंद जी ने हमें बताया कि हमारे पास सारी शक्तियां हैं
- स्वामी जी ने संदेश दिया कि खुद के लिए वक्त निकालना बेहद जरूरी है
नई दिल्ली : वेदों के ज्ञाता और महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद ने न सिर्फ भारत के उत्थान के लिए काम किया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई. परोपकार, भाई-चारा, प्रेम, आत्म सम्मान, शिक्षा और महिला मुक्ति के लिए उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और आने वाले समय में भी लोगों रास्ता दिखाते रहेंगे. आज यानी कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन है और इस मौके पर हम आपको उनके ऐसे ही 21 विचारों के बारे में बता रहे हैं जो आपको जीने का सलीका सिखाते हैं:
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1- "खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है."
2- "ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हमी हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है."
3- "जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएं अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है."
4- "किसी की निंदा न करें. अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो जरूर बढाएं. अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हाथ जोड़िए, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिए."
5- "जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है, पर जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है."
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6- "हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिए कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं."
7- "जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते."
8- "हम जितना ज्यादा बाहर जाएं और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमे बसेंगे."
9- "तुम्हें अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना है. कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरू नहीं है."
10- "तुम फुटबॉल के जरिए स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाए गीता का अध्ययन करने के."
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11- "दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो."
12- "किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए- आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं."
13- "प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है. इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है. वह जो प्रेम करता है जीता है, वह जो स्वार्थी है मर रहा है. इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो, क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है, वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो."
14- "हम जो बोते हैं वो काटते हैं. हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं. हवा बह रही है, वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते. क्या यह हवा की गलती है? हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं."
15- "जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे. यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे."
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16- "जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो. सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं."
17- "श्री रामकृष्ण कहा करते थे, 'जब तक मैं जीवित हूं, तब तक मैं सीखता हूं '. वह व्यक्ति या वह समाज जिसके पास सीखने को कुछ नहीं है वह पहले से ही मौत के जबड़े में है."
18- "पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार लिया जाता है."
19- "दिन में एक बार अपने आप से बात करो वरना तुम दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण आदमी से बात नहीं कर पाओगे."
20- "लोग मुझ पर हंसते हैं क्योंकि मैं अलग हूं. मैं लोगो पर हंसता हूं क्योंकि वो सब एक जैसे हैं."
21- "अपने में बहुत सी कमियों के बाद भी हम अपने से प्रेम करते हैं तो दूसरों में ज़रा सी कमी से हम उनसे कैसे घृणा कर सकते हैं."
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