कमल हासन ने गोडसे को पहला 'हिंदू अतिवादी' बता खड़ा किया विवाद, BJP ने कहा- हत्यारे और आतंकी में अंतर

कमल हासन ने कहा कि वह 1948 में हुई महात्मा गांधी की हत्या का जवाब खोजने आये हैं.

कमल हासन ने गोडसे को पहला 'हिंदू अतिवादी' बता खड़ा किया विवाद, BJP ने कहा- हत्यारे और आतंकी में अंतर

कमल हासन ने इस लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं हैं.

नई दिल्ली:

अभिनय से राजनीति में आये मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन (Kamal haasan) ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि आजाद भारत का पहला ‘अतिवादी हिन्दू' था. वह महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे (Nathuram godse) के संदर्भ में बात कर रहे थे. इस पर बीजेपी (BJP) ने सोमवार को कहा कि हत्यारा किसी आतंकवादी से बहुत अलग होता है. बीजेपी ने हासन पर विभाजनकारी राजनीति करने का और अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए हिंदुओं की गलत छवि पेश करने में कांग्रेस तथा कम्युनिस्टों का अनुसरण करने का आरोप भी लगाया.

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तमिलनाडु के अरवाकुरिचि में रविवार की रात एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कमल हासन (Kamal haasan) ने कहा कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं जहां तिरंगे के तीन रंग बरकरार रहें. विभिन्न धर्मों के संदर्भ में उन्होंने तिरंगे के तीन रंगों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं क्योंकि यह मुस्लिम बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं. आजाद भारत का पहला अतिवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है. वहीं से इसकी (अतिवाद की) शुरुआत हुई.'हासन ने कहा कि उन्होंने ‘स्वघोषित रूप से अपने आप को गांधी का प्रपौत्र मान लिया है'.

महात्मा गांधी की 1948 में हुई हत्या का हवाला देते हुए हासन ने कहा कि वह उस हत्या का जवाब खोजने आये हैं. हासन के बयान पर प्रदेश बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. पार्टी ने निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए आदर्श आचार संहिता के घोर उल्लंघन के लिए हासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. 

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नयी दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि हासन हत्यारे और आतंकवादी में अंतर नहीं समझते. सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'इससे साबित होता है कि वह हत्यारे और एक आतंकवादी के बीच के फर्क को नहीं समझते हैं. कोई हत्यारा किसी आतंकवादी से बहुत अलग होता है. इसलिए अगर वह पूरा इतिहास पढ़ेंगे और साथ ही महात्मा गांधी की हत्या के मुकदमे का अध्ययन करेंगे तो उन्हें अंतर पता चल जाएगा.'

उन्होंने कहा, 'वह यह साबित करने की जल्दबाजी में हैं कि वह अपनी नई राजनीतिक पार्टी की खातिर अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण वाली राह पर ही चल रहे हैं.'

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तमिलनाडु के मंत्री के टी राजेंद्र बालाजी (KT Rajenthra Bhalaji) ने हासन के बयान पर विवादित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एमएनएम संस्थापक के इस बयान पर उनकी जीभ काट देनी चाहिए कि स्वतंत्र भारत का ‘पहला अतिवादी हिन्दू था.' अतिवादी का कोई धर्म नहीं होता. ना हिंदू और ना मुस्लिम या ईसाई. अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता बालाजी ने एमएनएम पर हिंसा के बीज बोने का आरोप लगाते हुए उस पर पाबंदी का भी अनुरोध किया. उन्होंने हासन पर अल्पसंख्यक वोट जुटाने के लिए नाटक  करने का आरोप लगाया. हालांकि कांग्रेस और द्रविड़ कषगम ने एमएनएम नेता का समर्थन किया.

टीएनसीसी अध्यक्ष के सी अलागिरी ने कहा कि वह हासन से 1000 फीसदी सहमत हैं, जबकि डीके प्रमुख के वीरमणि ने कहा कि गोडसे आरएसएस से प्रशिक्षित था.

इस मुद्दे पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अलागिरी ने आरोप लगाया कि आरएसएस जैसे हिंदू संगठन विरोधी विचारों को कुचलने में विश्वास करते हैं. अलागिरी ने कहा, ‘मैं उनका समर्थन करता हूं और ना केवल 100 फीसदी बल्कि 1000 फीसदी उनसे सहमति जताता हूं.'

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बीजेपी और संघ परिवार के कटु आलोचक वीरमणि ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी बीजेपी की भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार का जिक्र करते हुए कहा, ‘इतना ही नहीं बल्कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी महज जमानत पर है.'उन्होंने गोडसे पर हासन के बयान के लिए उनका समर्थन किया.

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदरराजन ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या से पूरा देश सकते में था, लेकिन कोई इसको जायज नहीं ठहरा सकता. उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध के लिए गोडसे को फांसी दी गई थी. उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है कि हासन ने मुस्लिम बहुल इलाके में ‘हिन्दू अतिवाद' शब्द का इस्तेमाल किया.

सौंदरराजन ने एक बयान में कहा, ‘हालांकि, वह नई तरह की राजनीति करने की बात करते हैं, लेकिन वह वोट बैंक की पुरानी, चालाकी भरी, जहरीली और विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि हासन का बयान साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के बराबर है. बीजेपी नेता ने कहा, ‘इसलिए, ऐसे व्यक्ति के चुनाव प्रचार पर रोक लगनी चाहिए. पुलिस को इस सिलसिले में कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि तनाव बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.'

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अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने भी हासन की आलोचना करते हुए कहा कि कला और आतंकवाद दोनों का कोई धर्म नहीं है. उन्होंने पूछा कि क्या मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए गोडसे के धर्म का जिक्र किया गया. प्रधानमंत्री पर बनी एक बायोपिक में नरेंद्र मोदी का किरदार निभाने वाले ओबेरॉय ने कहा कि किसी को भी देश को विभाजित नहीं करना चाहिए. उन्होंने एक ट्वीट किया, ‘प्रिय कमल सर, आप बहुत बड़े कलाकार हैं. जैसे कला का कोई धर्म नहीं होता, ठीक वैसे ही आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. आप कह सकते हैं कि गोडसे आतंकवादी था लेकिन आपने हिंदू शब्द का इस्तेमाल क्यों किया? इसलिए कि आप मुस्लिम बहुल इलाके में वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे थे?' उन्होंने कहा, ‘कृपया सर इस देश को बांटे नहीं, हम सभी एक हैं जय हिंद...अखंड भारत, अविभाजित भारत.'

अरवाकुरिचि उन चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक है जहां 19 मई को उपचुनाव होने हैं. कमल हासन की पार्टी एनएनएम ने इस क्षेत्र से एस मोहनराज को खड़ा किया है. कमल हासन इस लोकसभा चुनाव में खुद उम्मीदवार नहीं हैं.
(इनपुट भाषा)

वीडियो-  टैलेंट के अथाह समंदर यानी कमल हासन
 

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