शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा-'सरजी' चुनाव में ये क्या हो रहा है?

लोकसभा चुनाव के तहत गुरुवार को 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ. कई संसदीय क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं. इसको लेकर अब बीजेपी से बगावत के बाद कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने बगैर नाम लिए बीजेपी पर हमला बोला है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा-'सरजी' चुनाव में ये क्या हो रहा है?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ शत्रुघ्न सिन्हा की फाइल फोटो.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के तहत गुरुवार को 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ. कई संसदीय क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं. इसको लेकर अब बीजेपी से बगावत के बाद कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने बगैर नाम लिए बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने पीएम मोदी को 'सरजी' से संबोधित करते हुए निशाना साधा है. अक्सर शत्रुघ्न सिन्हा 'सरजी' कहकर पीएम मोदी की तरफ इशारों ही इशारों में हमले करते रहे हैं. बिहारी बाबू ने ट्वीट कर कहा-सरजी ये क्या हो रहा है, हर तरफ से रिपोर्ट आ रही है कि इस बार अभूतपूर्व पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं, और यह आरोप लगाया जा रहा है कि अधिकांश हटाए गए मतदाता "सरजी" विरोधी मतदाता हैं. क्या ऐसा कुछ भी नहीं होगा कि नागरिक अपने भरोसे को बनाए रख सकें. यूपी सहित अन्य राज्यों में गुरुवार को मतदान के दौरान विपक्ष ने अपने समर्थकों के बड़े पैमाने पर वोटरलिस्ट से गायब होने के आरोप लगाए हैं. शत्रुघ्न सिन्हा का यह ट्वीट इन्हीं आरोपों को लेकर आया है. यूपी के मेरठ जिले में वोटर लिस्ट में जिंदा लोगों के नाम गायब होने और मुर्दों के नाम शामिल होने की  शिकायतें सामने आईं. जिससे कारण तमाम लोग वोट नहीं डाल सके. 

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सरजी की जाती कुर्सी किसने बचाई?
इससे पूर्व शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी को याद दिलाया था कि कैसे राजधर्म की आंधी के बीच उनकी जाती हुई कुर्सी को आडवाणी ने बचाया था. दरअसल कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 2002 में गोधरा दंगे के कारण तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी उन्हें  मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते थे, मगर लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें रोक दिया था. शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा था-आज़ादी के 75 साल, 75 क़दम, 75 लक्ष्य, 75 साल के लोगों को ब्रेन डेड नहीं समझते हुए उनके अनुभव/तजुर्बे को शामिल किया होता तो बेहतर नहीं हुआ होता? एक मौक़ा फिर गंवा दिया.

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यह सही वक़्त होता अगर डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी, विद्वान अरुण शौरी और भूतपूर्व वित मंत्री एवं विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा जैसे दिग्गज, जिनका आपकी पार्टी को देश की बड़ी पार्टी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा, उनके अनुभव का फायदा लेते....और सरजी को  ‘राजधर्म‘ के आंधी के बीच बचाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा हमारे फ़्रेंड फ़िलॉसफ़र गाइड श्री एल के आडवाणी का। क्यूं सबको अलग थलग कर दिया? शत्रुघ्न सिन्हा ने फिर दूसरे ट्वीट में कहा- बहरहाल, तुम्हारी है, तुम्हीं सम्भालो यह ढकोसला पत्र, असंकल्प पत्र या संकल्प पत्र.फिर मिलेंगे दोस्त. जय हिंद.

वीडियो- बीजेपी छोड़ने की तकलीफ है- शत्रुघ्न सिन्हा 

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