आचार संहिता उल्लंघन केस: PM मोदी और अमित शाह के खिलाफ SC ने बंद की सुनवाई, कहा- EC की क्लीनचिट पर दखल नहीं दे सकते

लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी और अमित शाह पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बंद कर दी है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई बंद की.

आचार संहिता उल्लंघन केस: PM मोदी और अमित शाह के खिलाफ SC ने बंद की सुनवाई, कहा- EC की क्लीनचिट पर दखल नहीं दे सकते

पीएम मोदी और अमित शाह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी (PM Modi) और अमित शाह (Amit Shah) पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई बंद कर दी है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई बंद की और कहा कि चुनाव आयोग ने पहले ही शिकायतों पर कार्रवाई कर दी है. ऐसे में ये याचिका निष्प्रभावी हो गई हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग के फैसलों पर आपत्ति है तो नई याचिका दाखिल की जा सकती है. वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश में कारण भी होने चाहिए.  

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मंगलवार को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया और सुप्रीम कोर्ट से पीएम मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर टिप्पणी की भी शिकायत की. कांग्रेस सासंद सुष्मिता देव की ओर से दाखिल हलफनामे में 6 मई को पीएम मोदी द्वारा राजीव गांधी पर ‘ भ्रष्टाचारी नंबर 1' टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण और चुनाव आचार संहिता के खिलाफ बताया गया है. कहा गया है कि पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया. इस संबंध में चुनाव आयोग को शिकायत दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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हलफनामे में कहा गया है कि पीएम मोदी और अमित शाह जो बयान दे रहे हैं वो जनप्रतिधित्व अधिनियम के तहत करप्ट प्रैक्टिस के तौर पर हैं. हलफनामे में चुनाव आयोग द्वारा दोनों के खिलाफ शिकायतों पर लिए गए फैसले को रिकार्ड पर लाया गया है. हलफनामे में कहा गया कि कई मामलों में बिना कारण बताए पीएम को क्लीन चिट दी गई. अमित शाह के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की गई. जबकि इसी तरह के भाषण देने पर मायावती, योगी आदित्यनाथ, प्रज्ञा ठाकुर, मेनका गांधी पर कार्रवाई की गई. ये प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है.

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इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतों संबंधी चुनाव आयोग के फैसलों को रिकार्ड पर दाखिल करने की अनुमति दी थी. कांग्रेस सासंद की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि चुनाव आयोग ने इन शिकायतों का निपटारा किया है लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं होता. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को विस्तार से देखने की जरूरत है और गाइडलाइन जारी करने की जरूरत है. इसके तहत कितने वक्त में शिकायतों का निपटारा किया जाए और  चुनाव आयोग के फैसले में  कारण दिए गए हों. ये मामला सिर्फ आचार संहिता के उल्लंघन का नहीं है बल्कि जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत है. 

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पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सोमवार तक पीएम और शाह के खिलाफ शिकायतों पर फैसला करने को कहा था.  कांग्रेस सासंद सुष्मिता देव की ओर से अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 31 दिनों में दो का निपटारा किया है. इस रफ्तार से 270 दिनों से ज़्यादा का समय लगेगा. हमारी शिकायतों के बाद से अब तक चार चरणों मे 350 सीटों के चुनाव हो चुके हैं. कोई रिवाइंड बटन नहीं है इनकी गलतियों पर सज़ा देने का. कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि बाकी 9 शिकायतों का निपटारा सोमवार से पहले तक कर दिया जाय. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था. दरअसल  कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने याचिका दाखिल कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वो 24 घंटे के भीतर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ शिकायतों पर फैसला करे. हालांकि इस बीच चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को उनके भाषणों के लिए क्लीन चिट दे दी है.

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