एक-एक कर एनडीए (National Democratic Alliance) के घटक दल बीजेपी को आंखे दिखा रहे हैं. (प्रतिकात्मक फोटो)
खास बातें
- एनडीए से अलग हो चुके हैं टीडीपी और रालोसपा जैसे दल
- अब शिवसेना, अकाली और अपना दल भी दिखा रहे हैं आंखें
- अलग-अलग मुद्दों पर नाराज हैं एनडीए के घटक दल
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव (General Election 2019) में अब कुछ महीने बचे हैं. केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए वापसी के लिए जोरशोर से प्रयास में जुटा है, लेकिन अब चुनाव की दहलीज पर आकर बीजेपी के लिए एनडीए (National Democratic Alliance) का कुनबा संभालना मुश्किल हो रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने 282 सीटें हासिल की थीं, तो वहीं एनडीए के सहयोगियों ने 54 सीटों पर कब्जा जमाया. इस तरह यह आंकड़ा 335 तक पहुंचा, लेकिन उप-चुनावों में बीजेपी की हार और एक-एक कर सहयोगियों का साथ छोड़ने के बाद अब NDA वैसा नहीं रहा है, जैसा 2014 में था. चंद्रबाबू नायडू और उपेंद्र कुशवाहा जैसे कद्दावर नेताओं का साथ छूटने के बाद अब शिवसेना, अकाली दल और अपना दल जैसी पार्टियां एनडीए से अलग होने की धमकी दे रही हैं. यानी गठबंधन में गांठ पड़ती दिख रही है. अगर बीजेपी इस गठबंधन की गांठ खोलने में नाकाम रही तो 2019 की तस्वीर कुछ और होगी.