Movie Review: धमाकेदार कंगना रनोट, कमजोर ‘सिमरन’

इस फिल्‍म में कंगना रनोट एक 30 साल की तलाकशुदा हैं. वे हाउसकीपर के तौर पर काम करती हैं, लेकिन एक दिन ऐसा दांव खेल जाती हैं जिससे उनकी जिंदगी की दशा-दिशा ही बदल जाती है.

Movie Review: धमाकेदार कंगना रनोट, कमजोर ‘सिमरन’

कंगना इस फिल्‍म में गुजराती लड़की के किरदार में हैं.

रेटिंगः 2.5 स्टार
डायरेक्शनः हंसल मेहता
कलाकारः कंगना रनोट और सोहम शाह

कंगना रनोट ‘सिमरन’ के रिलीज होने से काफी पहले से ही सुर्खियों में थीं. वजह कंगना रनोट की फिल्‍म 'सिमरन' नहीं बल्कि ऋतिक रोशन के साथ उनका अफेयर और आदित्य पंचोली के साथ उनका विवाद रहा. कंगना रनोट हर मामले पर बड़ी बेबाकी से बात कर रही थीं, लेकिन इस सब के चक्कर में उनकी फिल्म कहीं पीछे छूट गई थी. यही नहीं फिल्म कहानी राइटर और डायरेक्शन को लेकर छिड़े विवाद की वजह से सुर्खियों में रही थी. यानी चर्चा की एक भी वजह मजबूत नहीं थी. ‘सिमरन’ को देखकर इस बात का एहसास हो जाता है कि बिल्कुल ऐसा ही कुछ फिल्म में भी हुआ. फिल्म में कंगना रनोट का जलवा तो चला लेकिन लूपहोल्स से भरी कहानी ने रंग में भंग का काम किया.

यह भी पढ़ें: कंगना रनोट के इंटरव्‍यू पर 'सिमरन' के लेखक बोले, 'क्‍योंकि तुम एक मुंहफट औरत हो...'

 कंगना रनोट की ‘सिमरन’ उनकी ऐक्टिंग की वजह से ही देखी जा सकती है क्योंकि फिल्म न तो भरपूर कॉमेडी का ही मजा देती है, न ही क्राइम थ्रिलर वाला भाव जगाती है और न ही कैरेक्टर के साथ वैसा कनेक्ट बन पाता है, जैसे ‘तनु वेड्स मनु’ और ‘क्वीन’ में बन पाया था. फिल्‍म कहीं भी एक्साइट नहीं करती है.

 
simran youtube

यह भी पढ़ें: कंगना रनोट की 'सिमरन' से फरहान अख्‍तर की 'लखनऊ सेंट्रल' की होगी बॉक्‍स ऑफिस टक्‍कर

 कितनी दमदार कहानी

इस फिल्‍म में कंगना रनोट एक 30 साल की तलाकशुदा हैं. वे हाउसकीपर के तौर पर काम करती हैं, लेकिन एक दिन ऐसा दांव खेल जाती हैं जिससे उनकी जिंदगी की दशा-दिशा ही बदल जाती है. बस, अब उसे अपने जीवन के इसी गड़बड़झाले को निबटाना है. फिल्म जितनी आसानी से चीजों को दिखाती हैं, क्राइम की दुनिया में चीजें इतनी आसान होती नहीं हैं. फिर यहां बात अमेरिका की हो रही है तो डकैतियों को थोड़ा पुख्ता ढंग से दिखाए जाने की जरूरत थी. फिल्म का पहला हाफ थोड़ा सुस्त लेकिन कंगना का बिंदासपन और जुए की लत की वजह से एंटरटेन करता है. सेकंड हाफ में जब बात क्राइम की आती है तो हंसल मेहता उस तरह की बारीकियां यहां नहीं पिरो पाए हैं जो इन घटनाओं से जोड़ने का काम करें.

यह भी पढ़ें: Video में आखिर किसके लिए बोलीं कंगना रनोट, 'तेरे बाप ने तुझे लॉन्‍च किया...'
 
simran youtube

एक्टिंग के रिंग में

कंगना रनोट कैरेक्टर में घुसना जानती हैं, और उन्होंने बखूबी इस काम को ‘सिमरन’ में भी कर दिखाया है. वे इस किरदार में जिस तरह घुसती हैं, वह उनके ही बूते की बात है. चाहे खुद को बयान करना है, अपनी मजबूरियां बताना हो या लड़कों के साथ बिंदासपन हो, कंगना को देखकर मुंह से वाह निकल जाता है. फिल्म में हंसल मेहता और राइटर अपूर्वा असरानी का फोकस थोड़ा हिला हुआ लगता है. ऐसे में कंगना भी कई जगह आउट ऑफ फोकस हो जाती हैं. इस कमजोर कहानी के साथ जितना इंसाफ किया जा सकता था, उन्होंने किया है. सिमरन में सोहम शाह ठीक हैं, लेकिन कंगना के अलावा फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जो बांध कर रख सके.

यह भी पढ़ें: KRK से ट्विटर पर भिड़ी कंगना रनोट की बहन: सुनाई खरी-खोटी, शक्ल का उड़ाया मजाक

 बातें और भी हैं

डायरेक्टर हंसल मेहता फिल्म को कॉमेडी बनाना चाहते थे या क्राइम ड्रामा इसी के बीच में झूलते नजर आते हैं. न तो वह सही से हंसा पाए और न ही सही से कंगना के ग्रे शेड से रू-ब-रू करा सके. उन्होंने पुलिस और डकैती से जुड़े कई तरह के हल्के मूमेंट्स पैदा करने की कोशिश की लेकिन उसने निराश ही किया है क्योंकि कॉमेडी का भी सॉलिड बेस होना चाहिए. फिल्म के गाने भी उस तरह से कनेक्ट नहीं कर पाते हैं, और एक धीमी और सुस्त फिल्म में कोई स्पाइस नहीं दे पाते हैं. फिल्म की रिलीज से पहले कंगना ने विवादों की वजह से खूब हंगामा किया है, और एक बड़ा वर्ग उन्हें सपोर्ट भी कर रहा है. फिर कंगना के फैन्स भी फिल्म को जरूर देखना चाहेंगे. लेकिन फिल्म से कोई बड़ी उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि कंगना के अलावा इसमें कुछ भी कनेक्टिंग पॉइंट नहीं है.

VIDEO: NDTVYouthForChange : बड़े शहर में लोग नहीं पैसा अहम : कंगना रनोट



...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com