विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jan 16, 2019

कर्नाटक में बीजेपी की राह कितनी आसान और कितनी मुश्किल? जानिए पूरा माजरा

कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस-जद(एस) के बीच विधायकों की खरीद-फरोख्त (Karnataka political crisis) को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं. बीजेपी के ऑपरेशन कमल की चर्चा है. जानिए पूरा मामला.

Read Time: 8 mins
कर्नाटक में बीजेपी की राह कितनी आसान और कितनी मुश्किल? जानिए पूरा माजरा
गुरुग्राम के होटल में पार्टी विधायकों के साथ नजर आए बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा.
नई दिल्ली:

कर्नाटक (Karnataka political crisis) में करीब सात महीने के बाद फिर से सियासी नाटक शुरू हो गया है. कांग्रेस(Congress) और बीजेपी (BJP) के बीच 'रिसॉर्ट राजनीति' चल रही है. इस सियासी नूराकुश्ती के तीन केंद्र बन चुके हैं. एक केंद्र खुद सूबे की राजधानी बेंगलुरु है तो दूसरा गुरुग्राम और तीसरा मुंबई. गुरुग्राम के रिसॉर्ट में सभी 104 बीजेपी विधायकों को लेकर बीजेपी (BJP) की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येदियुरप्पा डटे हुए हैं. उधर कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के रेनिसेन्स  होटल में रुके हुए हैं. ये विधायक कांग्रेस से असंतुष्ट और बीजेपी के नजदीक बताए जाते हैं. हालांकि कांग्रेस (Congress)  का कहना है कि सभी विधायक उनके संपर्क में हैं. खुद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी कहा है कि उनकी सरकार को किसी तरह से कोई खतरा नहीं है. जबकि दोनों पक्ष एक दूसरे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों का आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के येदियुरप्पा कैंप के  नेताओं का कहना है कि ऑपरेशन लोटस इस बार सफल होकर रहेगा. 

यह भी पढ़ें- कर्नाटक का 'नाटक' LIVE: मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- हमारी सरकार स्थिर, बीजेपी जानबूझ कर फैला रही है झूठ

सूत्रों के मुताबिक़ दो निर्दलीयों को छोड़ और 9 विधायक हैं जो बीजेपी (BJP) के संपर्क में हैं. जिनमें 4 बाग़ी विधायकों के मुंबई पहुंचने की अटकलें लग रहीं हैं. इससे पहले कल दो विधायकों ने कांग्रेस-जेडीएस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. इधर कर्नाटक कांग्रेस ने अपने विधायक दल की बैठक 18 जनवरी को बुलाई है. कांग्रेस-जेडीएस का कहना है कि उनकी सरकार को कोई ख़तरा नहीं हैं.जिन दो विधायकों ने विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफ़ा भेज सरकार से समर्थन वापस लिया, उनमें केपीजेपी के विधायक और कर्नाटक के पूर्व वन पर्यावरण मंत्री आर शंकर और निर्दलीय एच नागेश हैं. कांग्रेस ने मुंबई के होटल में रूके अपने तीनों विधायकों को जल्द वापस बेंगलुरु लौटने को कहा है.कर्नाटक के नाटक का एक केन्द  गुरुग्राम बना हुआ है, जहां बीजेपी के 104 विधायक गुड़गांव के नज़दीक होटल ITC ग्रैंड भारत में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने सोमवार को कांग्रेस पर जोड़ तोड़ का आरोप लगाया और कहा कि वो उनके कुछ विधायकों को मंत्री पद और दूसरे लालच दे रहे हैं.  

यह भी पढ़ें- जेडीएस के महासचिव दानिश अली ने बताया, आखिर क्यों नाराज हैं कांग्रेस के विधायक

क्या इन रणनीतियों पर जुटी है बीजेपी
केस 1- 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 50 प्रतिशत यानी 112 सीटें जरूरी हैं. बीजेपी के पास 104 सीट है. ऐसे में कांग्रेस-जेडीएस के 16 विधायकों के इस्तीफे की जरूरत होगी. तब 208 सदस्यीय सदन होने पर  104 सीट पाने वाली  बीजेपी बहुमत  के आंकड़े को छू लेगी.

केस 2-विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के दौरान अगर 16 विधायकों को बीजेपी गैर हाजिर रखने में सफल हो जाती है तो इस प्लानिंग से सदन में संख्या बल 224 से घटकर 208 हो जाएगा. जिससे बहुमत का आंकड़ा 112 से घटकर 104 पर आ जाएगा और बीजेपी सरकार बनाने में सफल हो सकती है. मगर यह तभी होगा, जब बीजेपी के खेमे में कोई विधायक दगाबाजी न करे. 


केस 3-224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस के कुल 117 विधायक हैं. दो बाहरी विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है. मगर एक बसपा विधायक का समर्थन मिलने से गठबंधन के साथ 118 विधायकों हैं.  बसपा विधायक एन महेश ने अक्तूबर में भले मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन कहा था कि सरकार को समर्थन जारी रहेगा. इस प्रकार से अगर कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायक इस्तीफे देंगे तो भी सदन में संख्या बल 211 हो जाएगा. जिससे बहुमत के लिए 106 विधायक जरूरी होगें. तब 104 विधायकों वाली बीजेपी दो निर्दलीयों के सपोर्ट से इस आंकड़े को छू सकती है. 

केस 4-बीजेपी 104 विधायकों के अलावा बसपा के एक और अन्य दो निर्दलीयों को साथ लाए. जिससे आंकड़ा 107 हो जाएगा. फिर 10 कांग्रेस-जेडीएस कैंप के विधायकों से इस्तीफे करवाए. तब सदन में कुल संख्या बल 214 हो जाएगा और 107 विधायकों से भी बीजेपी सरकार बना सकती है. 

हालांकि जनता दल(एस) और कांग्रेस गठबंधन की सरकार गिराने के लिए इन चार तरह के हालात पैदा करना बीजेपी के लिए इतना आसान नहीं है.  यही वजह है कि बीएस येदियुरप्पा के उतावलेपन के बावजूद बीजेपी नेतृत्व जल्दबाजी के मूड में नहीं है. सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने बीएस येदुरप्पा को साफ कह दिया है कि जब तक राज्य में पार्टी के पास उचित संख्या बल से वह आश्वस्त नहीं हो जाएगी, तब तक ऑपरेशन कमल को अंजाम देने की पहल नहीं होगी. दरअसल, लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है. ऐसे में अगर बीजेपी दोबारा सरकार बनाने से चूकती है तो फिर काफी आलोचना सहनी पड़ेगी. दरअसल, मई में चुनावी नतीजे आने के बाद बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. राज्यपाल वजूभाई ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटों का आंकड़ा न होने के बावजूद येदियुरप्पा सरकार बन गई थी. राज्यपाल ने 15 दिन में बहुमत सिद्ध करने के लिए मौके दिए थे. मगर सुप्रीम कोर्ट ने एक ही दिन का मौका दिया. बहुमत का जुगाड़ न करने पर येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था. जिसके बाद 80 सीटों वाली कांग्रेस ने 37 सीटों वाले जनता दल सेक्युलर के नेता एचडी कुमारस्वामी को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाया. कुछ समय शांत रहने के बाद अब फिर से सूबे में राजनीतिक उथल-पुथल मची है. कांग्रेस जहां बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों का आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी इसे बेबुनियाद बता रही है. 

क्या है 'ऑपरेशन लोटस'
बीजेपी का यह काफी चर्चित ऑपरेशन रहा है. दरअसल, 2008 में कर्नाटक में बीजेपी ने इस दांव को चला था.  224 सदस्यों की विधानसभा में भाजपा को 110 सीटें मिलीं थीं. पार्टी को बहुमत के लिए दो सीटों की जरूरत थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के कहने पर कांग्रेस और जेडीएस के कुल आठ विधायकों ने निजी कारणों का हवाला देकर इस्तीफे दे दिए थे. जिन्हें बीजेपी ने फिर से टिकट देकर मैदान में उतारा. इस दौरान कुल आठ में से पांच विधायक ही चुनाव जीतने में सफल रहे थे. विधायकों से इस्तीफे दिलवाकर सदन में बहुमत के जुगाड़ की इस कोशिश को ऑपरेशन लोटस यानी ऑपरेशन कमल के रूप में जाना जाता है.

कर्नाटक में किसके पास कितनी सीटें
पिछले साल कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सर्वाधिक 104 सीटें मिलीं. कुल 64 सीटों का फायदा हुआ. वहीं पिछली बार की तुलना में 42 सीट का नुकसान उठाते हुए कांग्रेस को 80 सीटें मिलीं. जनता दल सेक्युलर को 37 सीटें मिलीं. जबकि बसपा को एक, केपीजेपी को एक सीट मिली. इस प्रकार 224 सीटें मिलीं. खास बात रही कि बीजेपी के 36.35 प्रतिशत वोट शेयर की तुलना में 38.14 प्रतिशत वोट शेयर होने के बावजूद सत्ताधारी कांग्रेस को कम सीटें मिलीं. 

वीडियो- TOP NEWS @ 8 AM: कर्नाटक में सियासी हलचल तेज

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;