विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jan 18, 2019

केएल राहुल और हार्दिक पंड्या को ‘तबाह’ करने पर तुली है COA!

वास्तव में COA का रवैया न केवल केएल राहुल और हार्दिक पंड्या के करियर को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि वह वर्ल्‍डकप के लिए टीम इंडिया की प्लानिंग और तैयारियों पर भी असर डाल रहा है.

Read Time: 24 mins
केएल राहुल और हार्दिक पंड्या को ‘तबाह’ करने पर तुली है COA!
हार्दिक पंड्या और केएल राहुल से जुड़े मामले में COA के रवैये ने कई सवाल खड़े किए हैं (फाइल फोटो)

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के संविधान का अनुच्छेद 41 का नियम 1 कहता है; “किसी भी खिलाड़ी, अंपायर, टीम अधिकारी, चयनकर्ता और बोर्ड से जुड़े किसी भी व्यक्ति के बर्ताव, अनुशासन और नियम के उल्लंघन से जुड़ी किसी भी घटना या इससे जुड़ी शिकायत किसी भी स्रोत से मिलने की सूरत में सर्वोच्च संस्था मामले को शुरुआती जांच के लिए 48 घंटे के भीतर मुख्य कार्यकारी (CEO) को प्रेषित करेगी”
….और अब यही संविधान बीसीसीआई और क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (COA) के लिए सवाल खड़ा कर रहा है:

Advertisement

 1. सीईओ  को कितने दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करनी होगी क्योंकि इस पहलू का संविधान में स्पष्ट तौर पर उल्लेख नहीं है
 2. अब जबकि हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) और केएल राहुल (KL Rahul) को निलंबित हुए करीब एक हफ्ता हो चुका है तो जांच फिलहाल कहां खड़ी है या इसका स्तर क्या है? और नियम के अनुसार इस तस्वीर में सीईओ (मुख्य कार्यकारी) कहां खड़े हैं?
 3. क्या क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (CEO) ने मामले में मुख्य कार्यकारी की अनदेखी कर खुद बोर्ड के संविधान का उल्लंघन नहीं किया?
 4. अब जबकि सीओए खुद की बोर्ड के संविधान (सीईओ से जांच) के नियम का पालन नहीं कर रही है, तो वह कैसे संवैधानिक बात किसी और शख्स पर अमल कर सकती है या किसी को अमल करने को कह सकती है  ?

कुछ ऐसे सौरव गांगुली ने किया केएल राहुल और हार्दिक पंड्या का बचाव

Advertisement

वर्तमान तस्वीर साफ तौर पर यही कह रही है कि COA के सदस्यों विनोद राय और डायना एडुल्जी के आपसी मतभेद के कारण खुद सीओए और पूरा मामला और उपहास और चिंता के विषय में तब्दील हो गया है. कारण यह है कि इस जांच के 'ड्रामे' ने हार्दिक पंड्या और केएल राहुल के भविष्य को दांव पर लगा दिया है, जो पहले ही कहीं ‘ज्यादा सजा' भुगत चुके हैं. इसमें कोई बहस की गुंजाइश नहीं कि अगर दोनों खिलाड़ियों को दंडित करने के लिए नियमों में भी बदलाव करना पड़े, तो वह होना चाहिए. करण जौहर के ‘शो' में हार्दिक पंड्या की कही बातें कतई स्वीकार्य नहीं हैं. लेकिन किसी भी अपराध या गलती के लिए खिलाड़ियों या संबद्ध व्यक्ति को इसका अहसास कराने और उन्हें ‘तबाह करने' के बीच बहुत ही मोटी रेखा है. मीडिया ही नहीं, आम क्रिकेटप्रेमियों को भी यह मोटी रेखा साफ तौर पर दिख रही है. खुलकर चर्चा हो रही है तो सीओए को यह मोटी रेखा क्यों नहीं दिख रही? दुर्भाग्यवश, ठीक हार्दिक पंड्या के शब्दों की तरह बीसीसीआई या सीओए भी यह रेखा पार कर चुके हैं.

Advertisement

हार्दिक पंड्या के पिता, बोले- मेरा बेटा न घर से निकल रहा है न ही उठा रहा है किसी का फोन 

Advertisement

वजह साफ है कि जहां नियम के हिसाब से जांच 48 घंटे के भीतर शुरू होनी है, वहीं अभी भी यह तय होना बाकी है कि जांच कैसे होगी और कौन करेगा. और यह हो रहा है सीओए के दोनों सदस्यों के आपसी मतभेद के चलते. एक सदस्य का सीईओ राहुल जौहरी में ही भरोसा नहीं है! ऐसे में फिर सीईओ का बोर्ड में क्या औचित्य है? और जांच के संवैधानिक नियम का क्या मतलब रह जाता है? बहरहाल, इस तमाशे से केएल राहुल, हार्दिक पंड्या और टीम इंडिया की वर्ल्‍डकप की प्लानिंग और तैयारी के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण समय जरूर बर्बाद हो रहा है.

Advertisement

अब जबकि जांच का विषय बीसीसीआई के संविधान के दायरे में होना था तो बोर्ड ने इस मामले में कोर्ट में जाकर लोकपाल गठित करने की मांग करके एक और बड़ी गलती कर दी. बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाल दी. मतलब यह सुनवाई करीब 26 जनवरी तक संभव होगी. इस दिन टीम इंडिया, न्यूजीलैंड की धरती पर उसके खिलाफ दूसरा वनडे मुकाबला खेल रही होगी. इस दिन तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे को मिलाकर केएल राहुल और हार्दिक पंड्या पांच मैचों से निलंबित हो चुके होंगे...और अगर सुनवाई ‘सही और सुचारू तरीके' से नहीं हुई, तो जांच का परिणाम आने तक दोनों खिलाड़ी और कई मैचों से बाहर हो चुके होंगे. आखिर इन दोनों को कितनी सजा वहन करनी होगी? क्या पांच मैचों का नुकसान दोनों को गलती का अहसास कराने या पर्याप्त सजा के लिए काफी नहीं है ? COA आखिर क्या चाहती है?  अगर वर्तमान स्थिति जारी रहती है, तो क्या दोनों खिलाड़ी वर्ल्‍डकप की तैयारियों के लिहाज से अच्छी मनोदशा और जरूरी मैच अभ्यास हासिल कर पाएंगे? खासकर यह देखते हुए कि विश्व कप से पहले टीम इंडिया के पास बमुश्किल ही 10-11 मैच बचे हैं.

हार्दिक पंड्या को एक और बड़ा झटका, दिग्गज कंपनी ने खत्म किया करार, 'बड़ा नुकसान'

वास्तव में COA का रवैया न केवल केएल राहुल और हार्दिक पंड्या के करियर को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि वह वर्ल्‍डकप के लिए टीम इंडिया की प्लानिंग और तैयारियों पर भी असर डाल रहा है. और न ही COA अपने रवैये से कोई अच्छा उदाहरण ही पेश कर रही है. यह बात भी नहीं भूली जानिए चाहिए कि दोनों ही खिलाड़ी पहले से ही कहीं कड़ी सजा पा चुके हैं. पांच मैच (कौन जानता है कि आगे कितने और?), अनुबंध, छवि, सम्मान वगैरह-वगैरह. और ‘न्याय के नैसर्गिक सिद्धांत' के नियमों के हिसाब से यह जरूरत से कहीं ज्यादा हो चुका है! सवाल यह है कि अगर यही घटना वर्ल्‍डकप के आस-पास होती. और ये दोनों खिलाड़ी असाधारण प्रदर्शन कर रहे होते या टीम इंडिया का कोई 'बड़े नाम वाला' खिलाड़ी इस तरह की घटना में फंस जाता तो क्या तब भी सीओए ऐसा ही रवैया दिखाती?

वास्तव में, केएल राहुल और हार्दिक पंड्या की तरह ही सीओए को भी अपनी ‘चाल-ढाल' दुरुस्त करने की जरूरत है.‘जरूरत से ज्यादा' हो चुके इस मुद्दे पर भारतीय क्रिकेट के उन लीजेंडों को सामने आने की जरूरत है जिन्होंने हार्दिक व केएल राहुल के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया. इन दोनों को अपने हिस्से की अच्छी खासी सजा मिल चुकी है. फिलहाल जैसे इस मामले से निपटा जा रहा, वह इन्हें सुधारता कम ‘तबाह करता' ज्यादा दिखाई पड़ रहा है. टीम इंडिया को दोनों ही खिलाड़ियों की जरूरत है और ये वर्ल्‍डकप की प्लानिंग के लिहाज से बहुत ही अहम हैं. सौरव गांगुली ने सही ही कहा कि खिलाड़ी कोई मशीन नहीं है कि हर बात उनसे सही ही निकले. इस बात से आगे बढ़कर दोनों को फिर से मंच प्रदान करने की जरूरत है. क्या सीओए की बेवजह की जिद बरकरार रहती है या इस बाबत कोई ‘उचित मार्ग' निकलेगा? यही अब बड़ा सवाल हो चला है.

मनीष शर्मा Khabar.NDTV.com में डिप्‍टी न्यूज एडिटर हैं...

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
चुनाव नतीजों का अनुमान लगाना मुश्किल क्यों होता है...?
केएल राहुल और हार्दिक पंड्या को ‘तबाह’ करने पर तुली है COA!
उत्तर में निरुत्तर रही कांग्रेस, तो मुश्किल होगी 2024 की डगर
Next Article
उत्तर में निरुत्तर रही कांग्रेस, तो मुश्किल होगी 2024 की डगर
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;