मुनाफे में कारोबार कर रही एयर इंडिया एक्सप्रेस 10 साल का दृष्टि पत्र तैयार कर रही है. एयरलाइन का इरादा अपने विमानों के बेड़े का विस्तार करने और अधिक विदेशी गंतव्यों के लिए उड़ानें शुरू करने का है. एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. यह योजना ऐसे समय तैयार की जा रही है जबकि सरकार एयर इंडिया एक्सप्रेस की मूल कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की रूपरेखा पर काम कर रही है. एयर इंडिया भारी कर्ज के बोझ से दबी है जबकि उसकी बजट विमानन कंपनी वृद्धि की संभावनाओं को लेकर आशान्वित है. एक ओर जहां एयर इंडिया लंबे समय से घाटे में चल रही है वहीं एयर इंडिया एक्सप्रेस ने लगातार दूसरे साल मुनाफा कमाया है. वित्त वर्ष 2016-17 में उसका शुद्ध लाभ 296.7 करोड़ रुपये रहा.
एयर इंडिया एक्सप्रेस के मुख्य कार्यकारी श्याम सुंदर ने यह पूछे जाने पर कि क्या एयर इंडिया के विनिवेश के फैसले से बजट एयरलाइन के कारोबार को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी है, कहा, हमारा कामकाज सामान्य तरीके से चल रहा है. भविष्य की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम अपने विमानों के बेड़े का विस्तार करेंगे और अधिक विदेशी गंतव्यों के लिए उड़ानें शुरू करेंगे.
सुंदर ने कहा कि एयरलाइन दीर्घावधि की योजना बना रही है और अपने बेड़े तथा विदेशी मार्गों के विस्तार की तैयारी कर रही है. एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास फिलहाल 23 बोइंग 737-800 एनजी विमान हैं. प्रत्येक की क्षमता 189 सीटों की है. सुंदर ने बताया कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिए एक दस साल का दृष्टि पत्र तैयार किया जा रहा है. इसके लिए परामर्शक कंपनियों केपीएमजी और आईसीएफ की सेवाएं ली गई हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)