वीरेंद्र सहवाग ने महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कह दी इतनी बड़ी बात..

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि टीम इंडिया में फिलहाल दूसरा कोई खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी की जगह नहीं ले सकता.

वीरेंद्र सहवाग ने महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कह दी इतनी बड़ी बात..

श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के दूसरे और तीसरे मैच में धोनी ने शानदार बल्‍लेबाजी की (फाइल फोटो)

खास बातें

  • वीरू बोले, वर्ल्‍डकप तक कोई खिलाड़ी धोनी की जगह नहीं ले सकता
  • प्रशंसकों को यह दुआ करनी चहिये कि तब तक धोनी फिट रहें
  • हमें धोनी के विकल्प के बारे में 2019 के बाद ही सोचना चाहिये
नई दिल्ली:

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि टीम इंडिया में फिलहाल दूसरा कोई खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी की जगह नहीं ले सकता. उन्‍होंने कहा कि भारतीय टीम को अभी भी धोनी का सही विकल्‍प तलाशना है. सहवाग ने एक इंटरव्‍यू के दौरान यह बात कही.  सहवाग ने पीटीआई को दिये विशेष इंटरव्‍यू में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई भी खिलाड़ी फिलहाल धोनी की जगह ले सकता है. ऋषभ पंत अच्छे हैं लेकिन उन्हें धोनी की जगह लेने के लिये अभी और समय चाहिये. ऐसा वर्ल्‍डकप-2019 के बाद ही हो सकता है.

सहवाग ने कहा कि  हमें धोनी के विकल्प के बारे में 2019 के बाद ही सोचना चाहिये. तब तक पंत को अनुभव लेना चाहिए.’उन्होंने कहा कि प्रशंसकों यह दुआ करनी चहिये कि धोनी फिट रहें, उन्हें इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि वह रन बना रहे हैं या नहीं. उन्‍होंने कहा, ‘धोनी रन बना रहे हैं या नहीं हमें यह चिंता नहीं करनी चाहिये. हमें सिर्फ यह प्रार्थना करनी चाहिये कि धोनी 2019 वर्ल्‍डकप तक फिट रहें. मध्यक्रम और निचले क्रम में जो अनुभव धोनी के पास है वह किसी अन्य के पास नहीं.’वीरू ने कहा कि धोनी का करियर ‘जीवन चक्र’ को दर्शाता है. उन्होंने कहा, ‘जिंदगी की तरह, खेल की खूबसूरती यही है कि समय हमेशा एक ऐसा नहीं होता. आपको उस से जूझना होता है. कभी ऐसा समय होता है जब आप ढेरों रन बनाते हैं और कभी ऐसा समय आता है जब आप रन बनाने के लिये तरस जाते हैं.  व्यापार में भी ऐसा ही होता है हर साल आप मुनाफा नहीं कमाते हैं.’

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टीम से ऐसी खबरें भी आ रहीं कि अगर धोनी फार्म में नहीं रहते तो केएल राहुल विकेट के पीछे की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं लेकिन नजफगढ़ का यह नवाब ऐसी सोच के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं कभी ऐसे विचार का समर्थन नहीं करूगां जिसमें नैसर्गिक विकेटकीपर के अलावा किसी और को विकेट के पीछे खड़ा किया जाए.  50 ओवर का मैच इंडियन प्रीमियर लीग के 20 ओवर के मैच से काफी अलग होता है. यहां स्टंपिंग या कैच छूटने से मैच का रुख पूरी तरह बदल सकता है. यह ऐसा जोखिम नहीं है जिसे लिया जाए.’

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सहवाग का का मानना है कि मध्यक्रम के बल्लेबाजों को ज्यादा मौके दिये जाने चाहिये ताकि वर्ल्‍डकप से पहले हर खिलाड़ी के पास लगभग 100 मैचों का अनुभव हो. कोर टीम का गठन वर्ल्‍डकप से कम से कम एक साल पहले हो जाना चाहिए.  उन्‍होंने कहा, ‘वर्ल्‍डकप में मध्यक्रम में जो बल्लेबाज होंगे उन्हें और गेंदबाजों को पर्याप्त मौके दिये जाने चाहिए ताकि इस अहम प्रतियोगिता से पहले उनके पास लगभग 100 मैचों का अनुभव हो. उन्हें हर तरह की परिस्थितियों और चुनौती का सामना करने का अभ्यस्त होना चाहिए. अनुभव से आप दबाव को बेहतर तरह से निपट सकते हैं. मुश्किल हालातों से भी आप मैच को निकाल सकते हैं. अगर उन्हें मौका नहीं मिलेगा तो यह टीम के लिये कमजोर कड़ी साबित होगा.

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सहवाग ने कहा कि  मुझे लगता है कि अगले तीन से छह माह में कोर टीम का गठन हो जाएगा.’ भारत का 104 टेस्ट और 251 वनडे मैचों में प्रतिनिधित्व करने वाले सहवाग बायएं हाथ के बल्लेबाजों युवराज सिंह या सुरेश रैना को मध्यक्रम में देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘मध्यक्रम में इन दिनों में किसी एक खिलाड़ी को एक जगह मिलनी चाहिए. दूसरे स्थान पर केदार जाधव और मनीष पांडे को रोटेट किया जाना चाहिए. इस तरह टीम में एक अनुभवी खिलाड़ी होने के साथ नए खिलाड़ियों को भी मौका मिल सकेगा.’ रविचंद्रन अश्विन के काउंटी में खेलने पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि श्रीलंका के साथ टेस्ट सीरीज में लगभग 200 ओवर गेंदबाजी करने के बाद उन्हें आराम करना चाहिए था.


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