Movie Review: फिल्म के बहाने यूरोप का प्रमोशन है शाहरुख-अनुष्का की 'जब हैरी मेट सेजल'

डायरेक्टर इम्तियाज अली की इस फिल्म में कुछ भी नयापन नहीं है और सबसे ज्यादा तंग करती है कछुए की चाल से रेंगने वाली कहानी.

Movie Review: फिल्म के बहाने यूरोप का प्रमोशन है शाहरुख-अनुष्का की 'जब हैरी मेट सेजल'

डायरेक्टर इम्तियाज अली के साथ अनुष्का शर्मा और शाहरुख खान की पहली फिल्म.

खास बातें

  • धीमी और कई बार कही जा चुकी कहानी है 'जब हैरी मेट सेजल'
  • शाहरुख का पंजाबी स्टाइल मजेदार, लेकिन अनुष्का की गुजराती अटपटी
  • इम्तियाज अली की इस फिल्म का सबसे बड़ा कलाकार लोकेशंस हैं

डायरेक्टर: इम्तियाज अली
स्टारकास्ट: शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा
क्रिटिक रेटिंग: 2.5 स्टार

डायरेक्टर इम्तियाज अली की 'जब हैरी मेट सेजल' उनकी बाकी फिल्मों की तरह ही है. विदेश, खूबसूरत नजारे और इश्क में मिलना-बिछड़ना. चाहे 'रॉकस्टार' हो या 'तमाशा'. रोड ट्रिप उनकी फिल्मों का सेंटर पॉइंट रहता है. इसकी मिसाल 'हाइवे' और 'जब वी मेट' रही हैं. ऐसा ही 'जब हैरी मेट सेजल' के साथ भी है. फिल्म में कुछ भी नयापन नहीं है और सबसे ज्यादा तंग करती है कछुए की चाल से रेंगने वाली कहानी. उसके साथ ही फिल्म के कैरेक्टर्स के साथ कनेक्शन पॉइंट बन ही नहीं पाता है. न सेजल दिल में उतर पाती है और न ही हैरी. 
 

jab harry met sejal youtube
अनुष्का शर्मा और शाहरुख खान इससे पहले 'रब ने बना दी जोड़ी' और 'जब तक है जान' में साथ नजर आ चुके हैं.
 
कहानी
हैरी (शाहरुख खान) एक टूरिस्ट गाइड है और सेजल (अनुष्का शर्मा) यूरोप टूर के दौरान अपनी एंगेजमेंट रिंग खो बैठती है. वह हैरी से अपनी एंग्जमेंट रिंग ढूंढने के लिए कहती है. इस तरह यह तलाश उन्हें यूरोप के अलग-अलग शहरों में लेकर जाती है. रिंग ढूंढने की ये दास्तान कन्विंसिंग नहीं है. फिर रिंग का राज जब खुलता है तो वह भी ऑब्वियस होता है. पहला हाफ दिलचस्प है, लेकिन दूसरे हाफ में फिल्म कमजोर हो जाती है. समझ ही नहीं आता कि इम्तियाज दिखाना क्या चाहते हैं. 


ये भी पढ़ें: 50 के हुए मलाइका अरोड़ा खान के 'अरबूज' ने यूं काटा तरबूज, मिस न करें VIDEO​

एक्टिंग
शाहरुख का पंजाबी स्टाइल मजेदार है. पहले हिस्से में वे चार्मिंग लगते हैं, लेकिन दूसरे मैं यह चार्म हवा हो जाता है. अब उनसे 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' जैसे करिश्मे की उम्मीद करना गलत होगा जैसी शायद इम्तियाज ने की होगी! उसके लिए मजबूत कहानी की दरकार होगी, जो यहां मिसिंग है. अनुष्का को अभी एक्टिंग पर हाथ साफ करने होंगे. अनुष्का का गुजराती बोलना वाकई अटपटा लगता है. दोनों की कैमिस्ट्री कतई यादगार नहीं है. रोमांटिक सीन में दोनों ही अटपटे लगते हैं. फिल्म का सबसे बड़ा कलाकार इसकी लोकेशंस हैं. 



ये भी पढ़ें: शाहरुख खान ने आमिर खान से पब्लिकली पूछा, 'कब देख रहे हो जब हैरी मेट सेजल'​

डायरेक्शन
इम्तियाज को समझना होगा कि हमेशा खूबसूरत विदेशी नजारों के साथ ही फिल्म कामयाब नहीं हो सकती. एमस्टरडम से शुरू हुआ सफर प्राग और बुडापेस्ट तथा लिस्बन तक जाता है. फिल्म का संगीत अच्छा है, कमजोर कहानी फिल्म को बेदम बना देती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म के बहाने यूरोप का प्रमोशन है 'जब हैरी मेट सेजल'. फिल्म सिर्फ शाहरुख के फैन्स के लिए ही है.

...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com