Aadhaar Case: आधार की संवैधानिकता बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बैंक खाते से आधार को लिंक करने का फैसला रद्द

आधार की अनिवार्यता (Aadhaar verdict) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना अहम फैसला सुनाया.

Aadhaar Case: आधार की संवैधानिकता बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बैंक खाते से आधार को लिंक करने का फैसला रद्द

Aadhaar verdict in Supreme Court Live Updates: आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के पीछे तार्किक सोच.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बायोमीट्रिक डेटा की नकल नहीं की जा सकती.
  • कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट पार्टी भी डेटा नहीं देख सकती है.
नई दिल्ली:

आधार की अनिवार्यता (Aadhaar verdict) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने अपना अहम फैसला सुनाया.  केंद्र के महत्वपूर्ण आधार कार्यक्रम और इससे जुड़े 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता (Aadhaar constitutional validity) को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर आज यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाने से पहले बहुमत का फैसला पढ़ते हुए यह माना कि आधार आम आदमी की पहचान है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बदलावों के साथ आधार की संवैधानिकता को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा. साथ ही कोर्ट ने कहा कि बैंक खाते से आधार को जोड़ना अब जरूरी नहीं. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद 10 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की याचिका सहित कुल 31 याचिकाएं दायर की गयी थीं. दरअसल, केंद्र ने आधार योजना का बचाव किया था कि जिनके पास आधार नहीं है उन्हें किसी भी लाभ से बाहर नहीं रखा जाएगा. आधार सुरक्षा के उल्लंघन के आरोपों पर केंद्र ने कहा कि डेटा सुरक्षित है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता. केंद्र ने यह भी तर्क दिया कि आधार समाज के कमजोर और हाशिए वाले वर्गों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें बिचौलियों के बिना लाभ मिलते हैं और आधार ने सरकार के राजकोष में 55000 करोड़ रुपये बचाए हैं. 
 

Aadhaar Case in Supreme Court Live Updates:


- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा मामलों में एजेंसियां मांग सकती है आधार

-न्यायालय ने लोकसभा में आधार विधेयक को धन वियेयक के रूप में पारित करने को बरकरार रखा.

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- UGC, NEET तथा CBSE परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा. कोर्ट की अनुमति के बिना बायोमीट्रिक डेटा किसी एजेंसी को नहीं दिया जाएगा.
- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- आधार अधिनियम की धारा 57 हटी.
 
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ शर्तों के साथ आधार वैध.

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  आधार को मोबाइल से लिंक करना भी जरूरी नहीं होगा. 

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- जस्टिस सीकरी ने कहा, किसी भी बच्चे को आधार नंबर नहीं होने के कारण लाभ/सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है.

-  बैंक खाते से आधार को लिंक करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. - सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन कार्ड को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा. 

- सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया और कहा कि आधार की संवैधानिकता कुछ बदलावों के साथ बरकरार.

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- आधार से निजता के हनन के सबूत नहीं मिले- सुप्रीम कोर्ट

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध प्रवासियों को आधार न दिया जाए.

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों में आधार जरूरी नहीं.

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- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते वक्त कहा था कि आधार से बड़े वर्ग को फायदा.

- यूजीसी और निफ्ट जैसी संस्थाएं आधार नहीं मांग सकती- सुप्रीम कोर्ट

- कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट पार्टी भी डेटा नहीं देख सकती है.

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के पीछे तार्किक सोच. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑथेंटिकेशन डाटा सिर्फ 6 महीने तक ही रखा जा सकता है. कम से कम डेटा होना चाहिए.

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- आधार की अनिवार्यता पर फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बायोमीट्रिक डेटा की नकल नहीं की जा सकती.

-  सुप्रीम  कोर्ट ने कहा कि कोई मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती

- Aadhaar Card Versict Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि आधार आम आदमी की पहचान है. 

- जस्टिस सीकरी पढ़ रहे हैं आधार पर बहुमत का फैसला. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूनिक का मतलब सिर्फ एक से है. सुप्रीम कोर्ट ने - सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते वक्त कहा कि आधार से समाज के बिना पढ़े-लिखे लोगों को पहचान मिली है.

- आधार का डुप्लीकेट बनाना संभव नहीं, साथ ही समाज के हाशिये वाले वर्ग को आधार से ताकत - सुप्रीम कोर्ट

- जस्टिस सीकरी बहुमत का फैसला पढ़ रहे हैं.

- सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सीकरी ने आधार की संवैधानिक वैधता पर फैसला पढ़ना शुरू किया

-आधार को लेकर कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी का कहना है, "इस फैसले का असर बहुत दूर तक होगा, क्योंकि आधार बहुत-सी सब्सिडी से जुड़ा है... यह लूट और बरबादी को रोकने में भी कारगर है, जो होती रही हैं... मुझे उम्मीद है कि फैसला आधार के हक में आएगा... डेटा की सुरक्षा बेहद अहम है, और सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह डेटा की सुरक्षा करेगी... इस सिलसिले में कानून भी लाया जा रहा है..." - उम्मीद की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट आधार की संवैधानिकता पर आज 10.45 बजे अपना अहम फैसला सुना सकता है. 


वहीं, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि आधार अनिवार्य नहीं किया जा सकता और यह निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है. याचिकाकर्ताओं ने आधार कानून पर भी तर्क दिया कि ये मानव जीवन को प्रभावित करता है और ये कानून के रूप में नहीं रह सकता. आधार की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की सविंधान पीठ के पास है. 

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38 सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट में. 17 जनवरी से शुरु हुई थी आधार की सुनवाई. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की संविधान पीठ ने की थी सुनवाई. आधार पर फैसला आने तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा बाकी सभी केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है। इनमें मोबाइल सिम व बैंक खाते भी शामिल हैं. AG के के वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी सबसे बडी सुनवाई है इससे पहले 1973 में मौलिक अधिकारों को लेकर केशवानंद भारती केस की सुनवाई करीब पांच महीने चली थी. 

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