CCD के लापता मालिक का खत आया सामने, लिखा- मैं उद्यमी के तौर पर विफल रहा... पढ़ें पूरी चिट्ठी

पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ (VG Siddhartha) मंगलुरु से लापता है.

CCD के लापता मालिक का खत आया सामने, लिखा- मैं उद्यमी के तौर पर विफल रहा... पढ़ें पूरी चिट्ठी

वीजी सिद्धार्थ (VG Siddhartha) मंगलुरु से लापता हैं

खास बातें

  • वीजी सिद्धार्थ का खत आया सामने
  • सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है लेटर
  • सिद्धार्थ की चिट्ठी की पुष्टि अब तक नहीं
बेंगलुरु:

पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ (VG Siddhartha) मंगलुरु से लापता है. सिद्धार्थ कैफे कॉफी डे (Café Coffee Day) के संस्थापक हैं. कैफे कॉफी डे एंटरप्राइजेज के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ ने लापता होने से पहले कंपनी के कर्मचारियों और निदेशक मंडल को कथित तौर पर लिखे पत्र में कहा, 'मैं एक उद्यमी के तौर पर विफल रहा.' उन्होंने चिट्ठी में लिखा कि 37 साल बाद, कड़ी प्रतिबद्धता से लेकर कड़ी मेहनत तक के साथ, हमारी कंपनियों और सहायक कंपनियों में सीधे-सीधे 30,000 नौकरियों का सृजन करने के साथ ही प्रौद्योगिकी कंपनी जिसकी स्थापना के बाद से मैं एक बड़ा शेयरधारक रहा हूं वहां 20,000 नौकरियां सृजित करने के बाद, मैं अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद लाभ देने वाला कारोबारी मॉडल बनाने में विफल रहा हूं.' 

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सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे इस लेटर में उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि मैंने इसे सबकुछ दे दिया. मैं उन सभी लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के लिए माफी मांगना चाहता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया. अब तक इस बात की तत्काल पुष्टि नहीं हो पाई कि यह पत्र सिद्धार्थ ने ही लिखा है या नहीं. सिद्धार्थ ने कहा कि उन्होंने लंबे समय तक लड़ाई लड़ी लेकिन आज मैं हिम्मत हार रहा हूं क्योंकि मैं निजी इक्विटी साझेदारों में से एक की तरफ से शेयर वापस खरीदे जाने का और दबाव नहीं झेल सकता हूं, एक लेन-देन जो मैंने छह माह पहले एक दोस्त से बड़ी मात्रा में धन राशि उधार लेकर आंशिक तौर पर पूरा किया था. 

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उन्होंने कहा कि अन्य कर्जदाताओं की तरफ से अत्याधिक दबाव ने मुझे स्थिति के आगे झुक जाने पर मजबूर किया है. सिद्धार्थ ने पत्र में आरोप लगाया कि आयकर के पूर्व महानिदेशक ने बहुत उत्पीड़न किया जिन्होंने हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर जब्त कर लिए और बाद में हमारे कॉफी डे शेयर का अधिकार ले लिया जबकि हमने फिर से रिटर्न दाखिल कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत अनुचित था और इससे हमें नकदी का गंभीर संकट झेलना पड़ा. सिद्धार्थ ने कहा कि मैं आप सबसे मजबूत बने रहने और नये प्रबंधन के साथ इन कारोबारों को चलाना जारी रखने का अनुरोध करता हूं.  सभी गलतियों के लिए एकमात्र मैं जिम्मेदार हूं. प्रत्येक वित्तीय लेनदेन मेरी जिम्मेदारी है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी टीम, ऑडिटर एवं वरिष्ठ प्रबंधन उनके लेन-देन से अनभिज्ञ है. 

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सिद्धार्थ ने कहा कि कानून को उन्हें जवाबदेह मानना चाहिए क्योंकि उन्होंने अपने परिवार समेत हर किसी से सूचनाएं छिपाईं. उन्होंने यह दावा करते हुए कि उनकी मंशा किसी को धोखा देने या भ्रमित करने की नहीं थी कहा, “मैं एक उद्यमी के तौर पर विफल रहा. यह मेरी ईमानदार स्वीकृति है. मुझे उम्मीद है कि किसी दिन आप इसे समझेंगे और मुझे माफ कर देंगे. सिद्धार्थ ने कहा कि हमारी संपत्तियां हमारी जिम्मेदारियों से अधिक है और हर किसी के बकाये का भुगतान कर सकती हैं. 

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बता दें, सितंबर 2017 में सिद्धार्थ के दफ्तर पर आयकर विभाग के अधिकारियों ने छापा मारा था. सिद्धार्थ की गिनती देश के सबसे ज्यादा कॉफी बीन की सप्लाई करने वाले लोगों में की जाती है. माइंडट्री की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल के मुताबिक उनका परिवार करीब 130 सालों से ज्यादा समय से कॉफी के बिजनेस में हैं. माइंड ट्री में वह नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं.