
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वहीं पहलवान बबीता फोगाट ने कहा है कि सरकार को पता है कि एक खिलाड़ी कितनी मेहनत करता है. वो कैसे एक खिलाड़ी से उसकी कमाई का एक तिहाई मांग सकते हैं. मैं इसका समर्थन नहीं करती हूं. सरकार को फैसला लेने से पहले हम से बात करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि हमारे पास टैक्स कटकर पैसा आता है और सरकार ऐसा करेगी तो इससे खिलाड़ियों का हौसला गिरेगा. उन्होंने कहा कि अगर टैक्स देते हैं तो हिस्सा क्यों? और ये सरकार की ग़लत खेल नीति है.
#Haryana Govt notification dated 30 April 2018 asks sports-persons to deposit one-third of their income earned from professional sports or commercial endorsements to the Haryana State Sports Council, amount to be used for development of sports in the state. pic.twitter.com/I254k976lZ
— ANI (@ANI) June 8, 2018
हरियाणा सरकार के नोटिफ़िकेशन के मुताबिक खिलाड़ियों की अपनी कमाई का एक तिहाई हिस्सा देना होगा. ये कमाई चाहे कमर्शियल विज्ञापन से आई हो या फिर प्रोफेशनल खेलों के ज़रिए कमाई हो. सरकार की तरफ से दलील दी गई है कि इस पैसे का इस्तेमाल खेल के विकास के लिए होगा.
पहलवान योगेश्वर दत्त ने ट्वीट करके कहा है कि यह बिना सिर-पैर का तुगलकी फरमान है. उन्होंने कहा कि अब इससे हरियाणा के नए खिलाड़ी पलायन करेंगे और साहब इसके लिए आप जिम्मेदार हैं.
ऐसे अफसर से राम बचाए, जब से खेल विभाग में आए है तब से बिना सिर -पैर के तुग़लकी फ़रमान जारी किए जा रहे है।हरियाणा के खेल-विकास में आपका योगदान शून्य है किंतु ये दावा है मेरा इसके पतन में आप शत् प्रतिशत सफल हो रहे है।अब हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और SAHAB आप ज़िम्मेदार pic.twitter.com/YazW6YLqTB
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) June 8, 2018
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हरियाणा सरकार के इस फैसले पर पहलवान सुशील कुमार ने कहा है कि इससे खिलाड़ियों पर बोझ नहीं आना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज़्यादातर खिलाड़ी मिडिल क्लास के हैं और पहले हरियाणा में अच्छी पॉलिसी थी. सरकार को इस पॉलिसी को रिव्यू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को खिलाड़ियों से राय लेनी चाहिए और सीनियर खिलाड़ियों की कमेटी बने.
This policy should be reviewed. Govt should establish a committee of senior sportspersons & take their input before forming a policy of this type. This will affect the morale of sportspersons & might affect their performance as well: Sushil Kumar, on Haryana Govt's notification pic.twitter.com/NXcZ9WZsWC
— ANI (@ANI) June 8, 2018
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वहीं हरियाणा के खेल सचिव अशोक खेमका ने कहा है कि पूरी दुनिया में ये होता है. उन्होंने कहा कि वो खिलाड़ी जो सरकारी नौकरी ये आदेश उस पर लागू होगा और ये नियमों के तहत है.
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