मोदी सरकार : मंत्रिमंडल के लिए एनडीए के सहयोगी दल भी जुटे मोलभाव में

खराब स्वास्थ्य के चलते अरुण जेटली के इनकार के कारण वित्त मंत्रालय पीयूष गोयल की झोली में जाना करीब तय

खास बातें

  • जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की
  • जेडीयू को एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद मिलने की संभावना
  • दो कैबिनेट मंत्री के पद चाहती है शिवसेना
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) और नई सरकार (Modi Government) के शपथ ग्रहण के लिए सारी तैयारियां हो चुकी हैं. साथ ही यह बात भी तय हो चुकी है कि कौन-कौन मंत्री बनेगा. इसी बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपने गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए खुद को मंत्री पद से अलग किया है. अब यह लगभग तय लगता है कि पीयूष गोयल (Piyush Goyal) की झोली में ही वित्त मंत्रालय जाएगा क्योंकि पिछली बार अरुण जेटली के अनुपस्थिति में उन्होंने ही बजट पेश किया था. वे देश का बजट पेश करने वाले सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने थे.

उधर सहयोगी दलों ने भी अपना दबाव बनाना शुरू कर दिया है. जेडीयू (JDU) के नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी (BJP) अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. कहा जाता है कि जेडीयू दो कैबिनेट के पद चाहती है मगर सूत्रों के मुताबिक जेडीयू को एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद मिल सकता है. इसी तरह रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) मंत्री बनेंगे या चिराग, इस पर सस्पेंस बना हुआ है क्योंकि दोनों एक-दूसरे को मंत्री बनाने की वकालत मीडिया में कर चुके हैं. हालांकि चिराग पासवान, जो कि लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संसदीय बोर्ड के चैयरमेन हैं, ने रामविलास पासवान के नाम का प्रस्ताव पारित करा दिया है.

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इसी तरह शिवसेना (Shiv Sena) भी दो कैबिनेट पद चाहती है मगर उसे एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद मिलेगा. साथ में शिवसेना की सहमति से एक राज्यपाल की नियुक्ति की जाएगी. महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में चुनाव होने वाले हैं. इस लिहाज से शिवसेना को बीजेपी नाराज करने की हालत में नहीं है. शिरोमणि अकाली दल (SAD) की तरफ से सुखबीर बादल मंत्री बनेंगे और उन्हें कैबिनेट या स्वतंत्र प्रभार का मंत्री भी बनाया जा सकता है.

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शपथ ग्रहण समारोह में सभी मुख्यमंत्रियों को न्योता भेजा गया है. सबके आने की संभावना है मगर ममता बनर्जी नहीं आ रही हैं. वे इस बात से नाराज हैं कि शपथ ग्रहण समारोह में उन लोगों को क्यों बुलाया जा रहा है जो कथित तौर पर राजनैतिक हिंसा में मारे गए हैं. ममता इसे शपथ ग्रहण समारोह का राजनीतिकरण कह रहीं हैं. वैसे केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन भी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आ रहे हैं.

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दूसरी तरफ बिहार के आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव से जब पूछा गया कि क्या वे शपथ ग्रहण समारोह में जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें न्योता ही नहीं भेजा गया है. इसी दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. दोनों लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं.