'अब नजरअंदाज नहीं कर सकते', 100 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा खत

तीनों सेनाओं से रिटायर हुए करीब 114 पूर्व सैनिकों ने अपने हस्ताक्षर वाले खत में लिखा है कि हमने अपना करियर देश की सुरक्षा में लगाया.

'अब नजरअंदाज नहीं कर सकते', 100 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा खत

नॉट इन माइ नेम मुहिम. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 100 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने लिखा पीएम को खत
  • खत में मुस्लिमों दलितों पर हिंसा का विरोध
  • मीडिया को डराने के माहौल पर भी बोले
नई दिल्ली:

देश के 100 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर मुस्लिम और दलितों पर देश भर में हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में मीडिया को भी डराने की बात कही है. तीनों सेनाओं से रिटायर हुए करीब 114 पूर्व सैनिकों ने अपने हस्ताक्षर वाले खत में लिखा है कि हमने अपना करियर देश की सुरक्षा में लगाया. उन्होंने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं और उनका केवल साझा कमिटमेंट भारत का संविधान है. 

उनके खत में लिखा है कि वह एक साथ मिलकर नॉट इन माइ नेम मुहिम का समर्थन करते हैं और देश में वर्तमान में भय, डर, नफरत और शक के माहौल का विरोध करते हैं. खत में यह भी लिखा है कि वह स्वयभू हिंदू धर्म की रक्षा करने वालों द्वारा समाज में हो रहे हमलों के खिलाफ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि यह जो कुछ भी हो रहा है वह सब कुछ भारत के संविधान और सैन्य बलों के विचार के खिलाफ है. 
 


उन्होंने कहा कि हम मुस्लिम और दलितों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया, यूनिवर्सिटी, पत्रकार, बुद्धिजीवी की आजादी पर हो रहे हमलों और उन्हें राष्ट्रविरोधी करार दिए जाने की हम निंदा करते हैं.

यह खत इन लोगों ने देशभर में कई शहरों में चली नॉट इन माइ नेम की मुहिम के एक महीने बाद लिखा है. यह मुहिम दिल्ली में एक रेलवे स्टेशन पर 16 साल के मुस्लिम लड़के की भीड़ द्वारा की गई हत्या के बाद चलाई गई थी. इस मुस्लिम लड़के पर बीफ खाने का आरोप लगाया गया था.
VIDEO : नॉट इन माई नेम पर खास रिपोर्ट
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद कथित गौ-रक्षकों द्वारा किसी की हत्या की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि यह स्वीकार्य नहीं है. 

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