PMC बैंक मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

जनहित याचिका दिल्ली के उपभोक्ता कार्यकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा ने दायर की, बैंक ग्राहकों के जमा रुपये की 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करने के लिए निर्देश देने की मांग

खास बातें

  • याचिका में कहा-बैंकिंग प्रणाली के प्रति जनता के विश्वास को धक्का लगा
  • आरबीआई के मनमाने परिपत्र के कारण ग्राहकों को वित्तीय परेशानी
  • सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट जाने के लिए कहा
नई दिल्ली:

पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (PMC Bank) मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है. केंद्र सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि सरकार निवेशकों को लेकर चिंतित है और उनके साथ है. ED ने 88 संपत्तियों को जब्त किया है. मामले में त्वरित कार्रवाई चल रही है. याचिकाकर्ता ने कहा कि चार राज्यों के लोग इससे प्रभावित हैं. कोई बेल आउट पैकेज दिया जाए.

पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के खाता धारक की अपने बैंक खाते में जमा रुपयों की कथित चिंता के के कारण मौत की सूचना के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें बैंक के सभी ग्राहकों के जमा रुपये की 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई. यह याचिका दिल्ली के उपभोक्ता कार्यकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा द्वारा दायर की गई.

मिश्रा ने पीएमसी बैंक के 15 लाख उपभोक्ताओं के धन के संरक्षण और पीएमसी बैंक के वित्तीय संकट के मामले को देखते हुए उसके ग्राहकों की जमा राशि को सुरक्षित रखने के लिए दिशानिर्देश देने के लिए याचिका दायर की.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पीएमसी बैंक की वित्तीय गड़बड़ी से हमारे देश की बैंकिंग प्रणाली के प्रति जनता के विश्वास को धक्का लगा है. दलील में कहा गया, "देश भर के हजारों जमाकर्ता भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किए गए मनमाने परिपत्र द्वारा वित्तीय कठिनाइयों को झेल रहे हैं. इस परिपत्र के कारण शुरू में खाता धारक अपने खाते से 10000 रुपये तक निकाल पा रहे थे और बाद में 25000 रुपये ही निकाल पा रहे थे. यह परिपत्र मनमाना और भेदभावपूर्ण है."

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इसके अलावा याचिका में आरोप लगाया गया है कि आम लोगों की गाढ़ी कमाई को कुछ प्रभावशाली और बेईमान लोगों द्वारा लूटा जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से अक्षम हो रहे हैं. RBI ने अनियमितताओं के बाद इस बैंक पर छह महीने के लिए प्रतिबंध लगाया है. सर्वोच्च बैंक ने जमाकर्ताओं की निकासी की सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी. याचिका में कहा गया है कि एक मजबूत और पारदर्शी तंत्र रखने के लिए सभी सहकारी बैंकों में काम करने और उनके संचालन के पूर्ण मामलों पर गौर करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाना चाहिए जो सहकारी बैंकों में आम जनता के विश्वास को प्रेरित कर सके.

मुबंई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने PMC बैंक के पूर्व निदेशक को किया गिरफ्तार 

कुछ पीएमसी बैंक खाता धारकों ने निकासी पर प्रतिबंध को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की प्रारंभिक जांच के अनुसार, पीएमसी बैंक ने RBI के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए रियल इस्टेट फर्म HDIL को अपनी 9000 करोड़ रुपये की जमा राशि का लगभग 70 प्रतिशत ऋण दिया था.

VIDEO : बढ़ती जा रहीं PMC बैंक खाताधारकों की परेशानियां

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