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This Article is From Feb 08, 2019

आखिर क्यों कांग्रेस की अपनी पहली मीटिंग में भाई राहुल से दूर बैठी नजर आईं प्रियंका गांधी?

सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने गुरुवार को कांग्रेस की आधिकारिक बैठक में हिस्सा लिया.

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आखिर क्यों कांग्रेस की अपनी पहली मीटिंग में भाई राहुल से दूर बैठी नजर आईं प्रियंका गांधी?
कांग्रेस बैठक में प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के साथ बैठे दिखे ज्योतिरादित्य सिंधिया.
नई दिल्ली:

सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने गुरुवार को कांग्रेस की आधिकारिक बैठक में हिस्सा लिया. इस दौरान वह अपने भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से अलग बैठी दिखीं. कांग्रेस महासचिवों की आधिकारिक बैठक में राहुल गांधी भी थे, मगर प्रियंका गांधी उनकी बगल वाली सीट पर बैठी नहीं नजर आईं. प्रियंका गांधी की बगल वाली सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) थे, जिन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है. इस घटना के बाद से अब सबके जहन में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर प्रियंका गांधी राहुल गांधी से दूर क्यों बैठी थीं? 

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राजनीतिक जानकारों की मानें तो प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) को एक बहुत अच्छे कारण के लिए राहुल गांधी से दूर वाली सीट आवंटित की गई थी. दरअसल, कांग्रेस यह संदेश देने की कोशिश कर रही थी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की छोटी बहन प्रियंका उतनी ही महत्वपूर्ण हैं, जितनी की उस मीटिंग में मौजूद अन्य कांग्रेस के महासचिव. कांग्रेस यह संदेश नहीं देना चाहेगी कि प्रियंका गांधी को गांधी परिवार का सदस्य होने के नाते कोई विशेष तवज्जो दी जा रही है. इससे न सिर्फ पार्टी के भीतर बल्कि आम लोगों में भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा. 

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47 वर्षीय प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) के औपचारिक रूप से 23 जनवरी को राजनीति में प्रवेश करने के साथ कांग्रेस पार्टी में यह निर्णय लिया गया है कि वह उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 44 सीटों की कमान अपने हाथों में रखेंगी. जबकि बाकी सीटों की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर होगी. सोमवार से शुरू होने वाले राहुल गांधी के रोड शो में दोनों के भाग लेने की भी संभावना है. गौरतलब है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी है. उनके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

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कांग्रेस महासचिवों की बैठक में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने कहा कि बीजेपी को उखाड़ने में जान लगा देंगे. सूत्रों के मुताबिक प्रियंका ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष का जो भी आदेश होगा वो मानेंगी और ज़िम्मेदारी पूरी करने की कोशिश करेंगी. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि मैं सिर्फ़ 2019 के लिए नहीं, बल्कि लंबे वक़्त के लिए यूपी जा रही हूं. बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के लिये उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों का चयन फरवरी के आखिर तक हो जायेगा.

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प्रियंका को राहुल गांधी से अलग बैठाए जाने के पीछे का मकसद साफ है कि कांग्रेस किसी भी सूरत में यह संदेश नहीं देना चाहेगी कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) को राहुल गांधी की बहन और गांधी परिवार से आने की वजह से कोई एडवांटेज मिल रहा है. यही वजह है कि जब कांग्रेस मुख्यालय में प्रियंका गांधी को कमरा आवंटित किया गया, तब उनके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी शिफ्ट किया गया. पहले सिर्फ प्रियंका गांधी का ही नाम प्लेट लगा था, मगर रातोंरात ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी उसी कमरे के बाहर नेमप्लेट लगा दिया गया और यह बताया गया कि दोनों का कमरा एक ही होगा. उस वक्त भी कांग्रेस ने यही संदेश देने की कोशिश की थी कि पार्टी के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया का जो पद और कद है, वही प्रियंका गांधी का भी है. 

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सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 फरवरी को लखनऊ जाएंगे. प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले तीन दिन लखनऊ में रहेंगे और स्थानीय नेताओं से मुलाकात का दौर चलेगा. उसके बाद फिर वह अन्य इलाकों में रोड शो में शामिल होंगे और इलाहाबाद भी जाएंगे. 

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इससे पहले बुधवार को प्रियंका गांधी के कांग्रेस मुख्यालय पहुंचने के साथ ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता वहां जमा हो गए और 'प्रियंका गांधी जिंदाबाद', प्रियंका नहीं ये आंधी है, दूसरी इंदिरा गांधी है', प्रियंका गांधी आई है, नयी रोशनी लाई है' के नारे लगाने लगे. वह करीब 15 मिनट कांग्रेस मुख्यालय में रुकीं और इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से पार्टी के स्थानीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.

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