रेप के आरोपी BJP नेता चिन्मयानंद को 14 दिन के लिए भेजा गया जेल

बीजेपी नेता चिन्मयानंद (Chinmayanand) को लॉ की छात्रा से बलात्कार के आरोप में कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेजा. शुक्रवार की सुबह करीब 8.50 बजे यूपी SIT ने गिरफ्तार किया था.

खास बातें

  • चिन्मयानंद को 14 दिन के लिए भेजा गया जेल
  • सुबह करीब 8.50 मिनट पर किया था गिरफ्तार
  • पीड़िता का कहना है कि चिन्मयानंद ने ब्लैकमेल कर रेप किया
उत्तर प्रदेश:

बीजेपी नेता चिन्मयानंद (Chinmayanand) को लॉ की छात्रा से बलात्कार के आरोप में कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेजा. शुक्रवार की सुबह करीब 8.50 बजे यूपी विशेष जांच दल (SIT) ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद चिन्मयानंद (Chinmayanand) को मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया था. उसके बाद चिन्मयानंद को कोर्ट में पेश किया गया और फिर कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेजा है. बताते चले कि चिन्मयानंद (Chinmayanand) के खिलाफ लॉ छात्रा ने 12 पन्नों की शिकायत की और SIT को दिए बयान में कई चौंका देने वाली बातें सामने आई हैं. पीड़िता का कहना है कि चिन्मयानंद ने ब्लैकमेल कर रेप किया है. पीड़िता का हॉस्टल के बाथरूम में नहाने का वीडियो बनाया गया और उस वीडियो को वॉयरल करने की धमकी देकर एक साल तक रेप करता रहा. साथ ही पीड़िता ने बताया कि चिन्मयानंद ने शारीरिक शोषण का वीडियो भी बनाया है.

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चिन्मयानंद पीड़िता से मसाज करने का भी दबाव बनाता था और कई बार उसके साथ बंदूक के दम पर भी रेप हुआ है. लड़की ने भी अपने बचाव के लिए चिन्मयानंद का वीडियो बनाया है. लड़की ने इसके लिए अपनी चश्मे में खुफिया कैमरा लगाया और चिन्मयानंद का वीडियो बनाया है.

वहीं, रेप का आरोप लगाने वाली लड़की ने घर पास में होने के बावजूद हॉस्टल में रहने के पीछे कारणों का खुलासा किया है. उसने बताया कि वह एलएलएम में एडमीशन लेने के लिए गई था लेकिन चिन्मयानंद ने उसे नौकरी दे दी. नौकरी में काम का ज्यादा बोझ होने के कारण उसे हॉस्टल में रहना पड़ा जहां उसके साथ गलत हुआ. मंगलवार को पुलिस की एसआईटी ने लड़की के शाहजहांपुर में स्थित हॉस्टल के कमरे में रेप के सबूत तलाशे.

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चिन्मयानंद मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पीड़ित लड़की के हॉस्टल का कमरा देखा और साक्ष्य जुटाए. एसआईटी दोपहर में कॉलेज परिसर पहुंची. टीम ने करीब पांच घंटे तक छात्रा के कमरे का बारीकी से निरीक्षण किया. टीम के साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी मौजूद रहे.पीड़िता जिस कमरे में रहती थी, पुलिस ने उसे सील किया हुआ था. एसआईटी ने उसकी सील तोड़ कर मौका मुआयना किया.