सुशांत सिंह केस : पूछताछ में आया सामने, आखिर 13 जून की रात से 14 जून तक क्या-क्या हुआ था?

मुंबई पुलिस और सीबीआई दोनों ने चार करीबियों से कई दौर की लंबी पूछताछ की है, जिससे 13 जून की रात से 14 जून तक का पूरा घटनाक्रम उभरकर सामने आ गया है. इससे महीनों से उठ रहे कई सवालों का जवाब भी मिल रहा है और पूरे राज पर से पर्दा भी उठा रहा है.

सुशांत सिंह केस : पूछताछ में आया सामने, आखिर 13 जून की रात से 14 जून तक क्या-क्या हुआ था?

CBI की लंबी पूछताछ में सामने आया सुशांत के घर में उस दिन का घटनाक्रम.

खास बातें

  • सुशांत सिंह केस में हुई है लंबी पूछताछ
  • चार अहम गवाहों से पूछताछ में मिली हैं अहम जानकारियां
  • पता चला आखिर 13 और 14 जून के बीच में क्या हुआ था
मुंबई:

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सिलसिले (Sushant Singh Rajput Death Probe) में अबतक मुंबई पुलिस और अब सीबीआई ने अपनी जांच (CBI Probe) में बहुत से लोगों से पूछताछ की है (CBI Questioning). इस पूरे केस में चार नाम सबसे अहम हैं- सुशांत के दोस्त सिद्धार्थ पीठानी, नौकर नीरज सिंह, हाउस मैनेजमेंट का काम देखने वाला दीपेश सावंत और कुक केशव. घटना वाले दिन ये चारों सुशांत के घर पर मौजूद थे. मुंबई पुलिस और सीबीआई दोनों ने इन चारों से कई दौर की लंबी पूछताछ की है, जिससे 13 जून की रात से 14 जून तक का पूरा घटनाक्रम उभरकर सामने आ गया है. इससे महीनों से उठ रहे कई सवालों का जवाब भी मिल रहा है और पूरे राज पर से पर्दा भी उठा रहा है.

जानिए घर में मौजूद 4 किरदारों के अहम बयान

- दीपेश सुशांत सिंह के घर हाउस मैनेजमेंट का काम करता था. 14 जून को सुबह सबसे पहले सोकर उठने वालों में दीपेश था. दीपेश ने जांच एजेंसी को बताया है कि 13 जून की रात जब उसने सुशांत को खाना खाने के लिए पूछा तो उन्होंने कहा था 'मैं नहीं खाऊंगा. बस मैंगो मिल्क शेक दे दो. तुम लोग खाना खा लो.' इसके बाद दीपेश नीचे आ गया और खाना खाने के बाद मोबाइल पर फ़िल्म देखने लगा.

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- रात 10.30 के करीब दीपेश ने सुशांत को फोन लगाया पर उन्होंने उठाया नहीं तो उसने सोचा कि वो शायद सो गए होंगे. अगली सुबह यानी 14 जून की सुबह 5.30 बजे दीपेश उठ गया. कुछ देर में फ्रेश होकर दीपेश हर दिन की तरह ऊपर सुशांत सिंह राजपूत के कमरे में गया. तकरीबन 6.30 बज रहे थे. उसने दरवाजा खटखटाया . सुशांत जग चुके थे और अपने बेड पर बैठे थे. दीपेश ने गुड मॉर्निंग कहा और चाय के लिए पूछा. सुशांत ने चाय और नाश्ते दोनों के लिए मना कर दिया.
दीपेश ने बयान में बताया कि कमरे में वो अकेले थे और पंखा चल रहा था. दरवाजा हमेशा की तरह खुला था और पर्दा आधा उठा हुआ था.

- सुबह के 7 बजे चुके थे. केशव और नीरज उठ चुके थे. केशव रसोइया था, जबकि नीरज सिंह नौकर. नीरज ने बयान दिया है कि सुबह 8 से 8.15 के बीच सुशांत ने आवाज दी. वो अपने कमरे से बाहर निकलकर सीढ़ी तक आ गए थे. उन्होंने ठंडा पानी मांगा. नीरज ने उन्हें पानी ले जाकर दिया.

- सुबह 9 से 9.15 के करीब रसोइया केशव अनार का जूस और नारियल पानी लेकर ऊपर गया और देकर आ गया. केशव ने बयान में बताया है कि उसके कुछ देर बाद वो सुशांत से ये पूछने गया कि दोपहर के खाने में क्या बनाना है? तो उनके रूम का दरवाजा बंद था और लॉक था. उसने सिद्धार्थ पीठानी को ये बात बताई.

सिद्धार्थ पीठानी ने क्या किया?

- क्रिएटिव आर्ट डिजाइनर सिद्धार्थ पीठानी सुशांत का उन चारों में से सबसे करीबी था. जब उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती घर में नही रहती थीं तब वो सुशांत के सामने वाले कमरे में सोता था. दीपेश ने बयान में बताया है कि सुबह साढ़े 10 बजे के आसपास सिद्धार्थ ने आकर उसे बताया कि सर ने रूम लॉक कर  लिया है. सभी हैरान थे क्योंकि सुशांत रिया के रहने पर ही रूम लॉक करते थे वरना नहीं. सबने सोचा कि वो शायद फिर से सो गए होंगे. 10-15 मिनट के इंतजार के बाद फिर से दरवाजा खटखटाया गया लेकिन कोई जवाब नही मिला.

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- सिद्धार्थ पीठानी के बयान के मुताबिक, उसी समय उसे सुशांत सिंह राजपूत की बहन मीतू सिंह का फोन आ गया. सिद्धार्थ ने उनको  बताया कि सुशांत दरवाजा नहीं खोल रहे. मीतू ने कहा, 'कोशिश करते रहो फिर मुझे बताना.' एक बार फिर से दरवाजा खटखटाया गया . इस बार जोर से खटखटाया गया था लेकिन कोई फायदा नही हुआ.

- अब तक तकरीबन 11.15 बज चुके थे. चारों सामने वाले कमरे में थे. कमरे की चाभी की तलाश शुरू हुई. दूसरे सभी कमरों के वार्डरोब में खोजा गया पर चाभी नही मिली. सैमुअल मिरांडा को फोन लगाया गया. सैमुअल मिरांडा सुशांत सिंह राजपूत का हाउस मैनेजर था. फोन पर उससे पूछा गया कि अलग से कोई चाभी मिली थी क्या? मिरांडा ने नहीं में जवाब दिया.

चाभी वाले को बुलाया गया

- इस कोशिश में एक घंटा बीत गया. इस बीच दरवाजा खटखटाया जाता रहा. मीतू सिंह को फिर से फोन लगाकर बताया गया. इसके बाद सिद्धार्थ ने चाभी वाले को बुलाने का फैसला लिया. सिद्धार्थ के बयान के मुताबिक सबसे पहले उसने बिल्डिंग के चौकीदार राजू से पूछा कि 'किसी चाभी वाले को जानते हो?' राजू ने वजह पूछी तो सिद्धार्थ ने उसे बताया कि हवा के कारण रूम लॉक हो गया है. राजू ने कहा, 'थोड़ा समय दो देखता हूं.'

- सिद्धार्थ के मुताबिक उसने इंतजार करने की बजाय गूगल सर्च कर एक नंबर पर फोन किया और उससे पूछा कि क्या वो अभी बांद्रा में है? रफीक चाभी वाले के हां कहने पर उसे पता बताया. चाभी वाले ने 2,000 रुपया लगने की बात की. सिद्धार्थ ने हामी भरी और जल्दी आने को कहा. चाभी वाले ने आने के बाद लॉक देखते ही बोला कि इसे तोड़ना पड़ेगा.  इजाजत मिलने पर उसने लॉक तोड़ दिया. जैसे ही उसने लॉक तोड़ा, सिद्धार्थ ने उसे 2,000 रुपए दिए और अपना सभी सामान पैक कर जाने को कहा. सिद्धार्थ ने बयान में बताया है कि उसने सोचा उस बात को राज ही रखें, इसलिए वह किसका घर है यह बात भी चाभी वाले को नहीं बताई गई थी.

कमरा खुलने के बाद क्या हुआ?

- उसके जाने के बाद सबसे पहले दीपेश और सिद्धार्थ दरवाजा खोलकर कमरे में गए. नीरज बाहर ही खड़ा रहा. कमरे की लाइटें बंद थीं. पर्दे भी लगे हुए थे. जैसे ही लाइट जलाया तो सुशांत सिंह राजपूत पंखे से लटके हुए थे. सभी हैरान रह गए. उनके पैर पलंग के किनारे लटके थे. हरे रंग के कुर्ते का फंदा गले में था. फंदे की गांठ गले में बाएं तरफ थी.

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- सिद्धार्थ ने तुरंत मीतू सिंह को फोन किया और बताया कि सुशांत फंदे से लटके हुए हैं. नीरज और केशव अब तक कमरे से बाहर ही खड़े थे. सिद्धार्थ ने एंबुलेंस के लिए 108 नंबर पर कॉल किया और जल्दी डॉक्टर के साथ आने की गुहार लगाई. सामने वाले ने वजह और नाम पूछा तो उसने बताया कि 'मेरे एक दोस्त ने खुद को हैंग कर लिया है.' नाम बताने पर जोर देने पर उसने सुशांत सिंह बताया.

- इसी बीच सिद्धार्थ के फोन पर बड़ी बहन का कॉल आ गया था. सिद्धार्थ के मुताबिक बहन के मुंह से जब जीजा ने फांसी शब्द सुना तो उन्होंने कहा कि पहले उतारकर देखो सांस तो नही चल रही. दीपेश ने अपने बयान में कहा है कि 'सिद्धार्थ ने जब कहा कि सुशांत को नीचे उतारना पड़ेगा तो मैंने उसे पूछा कि किसने कहा? सिद्धार्थ ने बताया कि 'जीजा जी ने'.

- सिद्धार्थ ने चाकू मंगवाया और बीच के कपड़े में कट मारा और सुशांत जिस पोजिशन में थे वैसे ही नीचे सुला दिया. पैर बेड के उस पार ही थे. करीब पांच मिनट बाद ही मीतू सिंह पहुंचीं और सुशांत को देखते ही कहा 'गुलशन ये तुमने क्या कर लिया बाबू?'

- सिद्धार्थ ने बयान में बताया है कि सुशांत को CPR देने की कोशिश की गई लेकिन कोई फायदा नही हुआ. नीरज ने गले का फंदा किसी तरह गांठ खोलकर निकाला. बहन मीतू ने सुशांत का शव सीधा करने को कहा. दीपेश ने पैर पकड़ा, जबकि सिद्धार्थ और नीरज ने कंधा पकड़कर उठाया और सीधा किया. तब तक पुलिस पहुंच गई और फिर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई.

Video: सुशांत केस में रिया चक्रवर्ती से सीबीआई की पूछताछ

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