नहीं थम रहा कांजुरमार्ग मेट्रो कारशेड का मुद्दा, पर्यावरण प्रेमी पहुंचे हाईकोर्ट

कांग्रेस ने बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया, अगर कांजुरमार्ग में ज़मीन नहीं मिली तो बीकेसी में कारशेड बनाने पर चर्चा.

मुंबई:

मुम्बई मेट्रो 3 के कारशेड (Metro Car Shed) का मुद्दा खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. अदालत की ओर से कांजुरमार्ग में कारशेड बनाने पर स्टे लगाए जाने के बाद अब सरकार में इस बात पर चर्चा हो रही है कि अगर कांजुरमार्ग में ज़मीन नहीं मिलती, तो मेट्रो कारशेड को बीकेसी की उस जमीन पर बनाया जा सकता है जो बुलेट ट्रेन के लिए रखी गई है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है. वहीं पर्यावरण प्रेमी और आरे बचाओ आंदोलन से जुड़े ज़ोरु भातेना भी इस मामले में अदालत पहुंच चुके हैं.

अदालत के फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार बीकेसी में मेट्रो कारशेड बनाने पर विचार करती नज़र आ रही है, बीजेपी इस पर सवाल उठा रही है..यह वही जगह है जिसे प्रधानमंत्री मोदी के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए रखा गया है. महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "मुम्बई के लोगों के लिए मेट्रो बहुत ज़रूरी है. अदालत के निर्णय के बाद हम अब इस बात की जांच कर रहे है कि क्या इसे बीकेसी में बनाया जा सकता है."

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विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि इससे 500 करोड़ की परियोजना 5 हजार करोड़ की हो जाएगी. उन्होंने कहा, "अगर मेट्रो का कारशेड बीकेसी में बनता है तो 500 करोड़ में बनने वाला मेट्रो 5000 करोड़ में बनेगा और उसका मेंटेनेंस का खर्च भी 5 गुना बढ़ जाएगा पता नहीं सरकार को यह सब कौन बताता है"

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कांग्रेस ने इस पूरे मामले में बीजेपी पर राजनीति का आरोप लगाते हुए कुछ कागज़ात पेश किए, जिनमें बताया गया है कि 2019 में फडणवीस सरकार ने इसी कांजुरमार्ग की ज़मीन पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण आवास योजना के तहत 1 लाख घर बनाने के लिए स्टडी करने का आदेश दिया था, साथ ही फडणवीस सरकार के समय केंद्र सरकार ने इस जमीन को मेट्रो के लिए ट्रांसफर करने के लिए पत्र भी लिखा था.. अब कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सत्ता बदलने पर बीजेपी राजनीति कर रही है, तो वहीं बीजेपी इस आरोप का खंडन करती नज़र आ रही है

कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा, "आप उसी ज़मीन पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण आवास के तहत 1 लाख घर बनाने की तैयारी कर रहे थे, अगर वहां पर घर बना सकते हैं तो कारशेड क्यों नहीं बना सकते, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए.

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कांग्रेस को जवाब देने के लिए बीजेपी नेता राम कदम आए और उन्होंने कहा, "कारशेड के मुद्दे पर कांग्रेस के नेता लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करते नज़र आ रहे हैं और इसलिए उन्हें ना ही कोई रिपोर्ट समझ आती है और अब अदालत के निर्णय से उन्हें झटका लगा है."

पर्यावरण प्रेमी और आरे बचाओ आंदोलन से जुड़े ज़ोरु भातेना भी इस मामले में अदालत पहुंच चुके हैं.. उनका कहना है कि इस जमीन का इस्तेमाल वैसे भी मेट्रो के लिए किया जाना था लेकिन अब राजनीति के वजह से सब काम बंद है..

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ज़ोरु भातेना का कहना है,  "इस जमीन पर वैसे भी मेट्रो 6 का कारशेड बनने जा रहा था, अगर मेट्रो 3 की लाइन को इससे ना जोड़ा जाता तो भी यहां पर कारशेड का काम होना ही था,और यह प्लान भी पिछली सरकार ने बनाया था, तो आखिर अब हुआ क्या?"

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