लापता भारतीय विमान का मलबा मिला, जानिये Air Force के लिए क्यों खास है AN-32

वायुसेना (Indian Air force) के लापता एएन-32 (AN-32) विमान का मलबा आठ दिन बाद मिला. AN-32 विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिला है. जानिये सेना के लिए क्यों खास है AN-32 विमान..

लापता भारतीय विमान का मलबा मिला, जानिये Air Force के लिए क्यों खास है AN-32

AN 32 Wreckage Found: 1986 में भारतीय वायुसेना में AN 32 विमान को शामिल किया गया था.

खास बातें

  • भारतीय वायुसेना के लिए बेहद खास है AN-32
  • 1986 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया इस विमान को
  • वायुसेना के पास अभी 100 से अधिक AN-32 विमान है
नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना (Indian Air force) के लापता एएन-32 (AN-32) विमान का मलबा आठ दिन बाद मिला. AN-32 विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिला है. इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है. 3 जून को लापता हुए AN-32 विमान ने 8 क्रू मेंबर और 5 यात्रियों के साथ उड़ान भरी थी. रूस निर्मित एएन-32 (AN-32) परिवहन विमान को 1986 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. वर्तमान में, भारतीय वायुसेना 105 विमानों को संचालित करती है जो ऊंचे क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों को लैस करने और स्टॉक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसमें चीनी सीमा भी शामिल है. 2009 में भारत ने 400 मिलियन का कॉन्ट्रैक्ट यूक्रेन के साथ किया था, जिसमें AN-32 की ऑपरेशन लाइफ को अपग्रेड और एक्सटेंड करने की बात कही गई थी. अपग्रेड किया गया एएन-32 आरई एयरक्राफ्ट 46 में 2 कॉन्टेमपररी इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर्स शामिल किए गए हैं. लेकिन एएन-32 को अब तक अपग्रेड नहीं किया गया था.

यह भी पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिला लापता विमान AN-32 का मलबा, भारतीय वायुसेना ने की पुष्टि

सेना के लिए भरोसेमंद है AN-32
AN-32 सेना के लिए काफी भरोसेमंद विमान रहा है. दुनियाभर में ऐसे करीब 250 विमान सेवा में हैं. इस विमान को नागरिक और सैनिक दोनों हिसाब से डिजाइन किया गया है. वैसे ये विमान रूस के बने हुए हैं, जिसमें दो इंजन होते हैं. ये विमान हर तरह के मौसम में उड़ान भर सकता है. रूस के बने हुए ये दो इंजन वाले विमान काफी भरोसेमंद हैं. इसका इस्तेमाल हर तरह के मैदानी, पहाड़ी और समुद्री इलाकों में किया जाता रहा है. चाहे वो सैनिकों को पहुंचाने की बात हो या समान के ढ़ोने की.

यह भी पढ़ें: वायुसेना का विमान जब लापता हुआ, उस वक्त पायलट की पत्नी थीं एटीसी ड्यूटी पर

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इस विमान की क्षमता क्रू सहित करीब 50 लोग या 7.5 टन पैसेंजर ले जाने की है. 530 किलोमीटर प्रतिघंटे से उड़ान भरने वाले इस विमान का रेंज 2500 किलोमीटर तक है. ये विमान ईंधन भरे जाने के चार घंटे तक उड़ान भर सकता है. वायुसेना में मौजूदा एएन-32 न केवल आधुनिक साजो समान से लैस है, बल्कि ये नए संचार सिस्टम, बेहतर लैडिंग व्यवस्था जैसे सिस्टम से भी लोडेड है. दूसरे रूसी विमान की तरह ये ज्यादा आरामदायक तो नहीं है लेकिन सैन्य और नागरिक जरूरतों के लिहाज बेहत उत्तम है.