बदले समीकरणों के बीच BJP ने इस बार 29 दलों से मिलाया हाथ, जीती हुई सीटें भी छोड़ीं

साल 2014 में भाजपा ने 16 सहयोगी दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, वहीं इस बार यह आंकड़ा 29 हो गया है.

बदले समीकरणों के बीच BJP ने इस बार 29 दलों से मिलाया हाथ, जीती हुई सीटें भी छोड़ीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह. (फाइल तस्वीर)

खास बातें

  • पिछली बार से दोगुने दलों से गठबंधन
  • जीती हुई सीटें भी छोड़ीं
  • सहयोगी दलों के प्रति नरम हुआ रुख
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में कड़ी टक्कर को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) जहां ज्यादा से ज्यादा दलों के साथ हाथ मिला रही है, वहीं उनके प्रति नरम रुख भी अपना रही है. साल 2014 में भाजपा ने 16 सहयोगी दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, वहीं इस बार यह आंकड़ा 29 हो गया है. पिछले चुनाव में बिहार में 40 सीटों में से 22 पर जीत दर्ज करने के बाद भी इस बार भाजपा केवल 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गई. इसके अलावा भाजपा अपने सहयोगियों के लिए जीती हुई सीटें भी छोड़ रही है. इसके अलावा भाजपा हारी हुई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. उदाहरण के तौर पर बिहार की नवादा सीट एलजेपी के खाते में जा सकती है, वहीं जदयू भी भाजपा की कई जीती हुई सीटों की मांग कर रही है. 

झारखंड में तो भाजपा ने सहयोगी दलों के लिए बहुत बड़ी कुर्बानी दी है. झारखंड की गिरिडीह सीट पर भाजपा पिछले पांच बार से जीतती रही है, लेकिन इस बार उन्होंने यह सीट अपने सहयोगी दल एजेएसयू के लिए छोड़ दी.

PM मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे लड़ सकते हैं चुनाव, IIM ग्रेजुएट साकेत ने IPS छोड़ शुरू की थी बैंक की नौकरी

महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन किया है, जबकि शिवसेना समय-समय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी र निशाना साधती रही है. शिवसेना सांसद संजय राउट ने पीएम मोदी 'चोर' तक कहा था. शिवसेना नोटबंदी, अर्थव्यवस्था और सर्जिकल स्ट्राइक सहित कई मुद्दों पर पीएम मोदी पर निशाना साधती रही है. वहीं भाजपा ने आईएडीएमके के साथ हाथ मिलाया है और गठबंधन में डीएमडीके को भी शामिल कर लिया गया.

महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका? नेता विपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल का बेटा सुजय ज्वाइन कर सकता है BJP

उत्तर प्रदेश में देखे तो सीएम योगी आदित्यनाथ भाजपा के सहयोगी दलों को मनाने में जुटे हुए हैं. उन्होंने राजभर सुहेलदेव की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह नेताओं और अपना देल के सात नेताओं को अलग-अलग बोर्ड और निगमों में नियुक्ति दी है. 

Lok Sabha Election 2019 : पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को बीजेपी दे सकती नई दिल्ली सीट से टिकट

दूसरी ओर सभी विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. विपक्षी नेताओं की एकजुटता कई मंचों पर देखने को मिली है. विपक्षी दल महागठबंधन बनाकर उसके तले लोकसभा चुनाव लड़ने की कवायद में हैं. बता दें, लोकसभा का कार्यक्रम सात चरणों में मुकम्मल होगा जिसका शंखनाद 11 अप्रैल से होगा. पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल, दूसरे का 18 अप्रैल, तीसरे का 23 अप्रैल, चौथे का 29 अप्रैल, पांचवें का छह मई, छठे का 12 मई और अंतिम यानी सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा. वहीं सभी चरणों के लिए मतगणना एक ही दिन 23 मई को होगी.

गुजरात में कांग्रेस को फिर लगा बड़ा झटका, 4 दिन में तीसरे विधायक ने छोड़ी पार्टी

VIDEO- क्या मोदी सरकार ने अपनी ज़िम्मेदारियां निभाईं?

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com