
राजनीति में रूचि रखने वाले हर शख़्स को इस बात का जवाब चाहिए कि आख़िर बिहार में नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच लोकसभा चुनाव में कौन किस पर भारी रहेगा. लेकिन निश्चित रूप से आज से एक हफ़्ते तक जहां काग़जों और आंकड़ों में एनडीए भारी दिख रहा था वो महागठबंधन के साथ उपेन्द्र कुशवाहा और 'सन ऑफ़ मल्लाह' मुकेश निषाद के आने के बाद मामला दिलचस्प हो गया है. महागठबंधन में अभी सीटों की संख्या का बंटवारा नहीं हुआ है इसलिए अभी नतीजे के बारे में कुछ कहना जल्दबाज़ी होगा लेकिन एनडीए से ज़्यादा माथापची सीटों पर यहां निश्चित रूप से होगा. लोकसभा चुनाव में दो खेमों के बीच जंग बहुत ही रोमांचकारी होने वाली है. एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर कुर्सी पर बैठाने के लिए 'मोदी जीताओ' खेमा होगा जिसमें बीजेपी के अलावा नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति होगी पार्टी है. वहीं 'मोदी हटाओ' गुट में आरजेडी, कांग्रेस के अलावा उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, जीतन राम मांझी की 'हम', वामपंथी दल जैसे सीपीआई एमएल, मुकेश निषाद की वीआईपी पार्टी होगी.
3 राज्यों में बीजेपी को मिली हार का नीतीश कुमार और रामविलास पासवान ने उठाया जबरदस्त फायदा
लोकसभा चुनाव 2014 के आंकड़े
तेजस्वी यादव बोले- नीतीश कुमार अवसरवादी, 2019 में एनडीए का बिहार में खाता भी नहीं खुल पाएगा
मोदी लहर में सिमट गई थीं विपक्षी पार्टियां
2015 में विधानसभा चुनाव के आंकड़े

विपक्ष का वोट शेयर

कौन कितनी सीट से लड़ा
बिहार विधानसभा चुनाव में वोट शेयर

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