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बता दें कि दिल्ली के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में चुनावों के दौरान छोटे दल बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं क्योंकि जाति राज्य के प्रमुख कारकों में से एक है. इस बार यहां तक कि बीजेपी भी 2014 के केवल दो सीटों पर जीत हासिल करने वाले एक छोटे संगठन, अपना दल के साथ गठबंधन जारी रखा है. सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के तीन नए सहयोगियों का पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ गोरखपुर है.
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गौरतलब है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस प्रभारी पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी हैं. पिछले हफ्ते कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रयागराज से वाराणसी तक की तीन दिवसीय बोट यात्रा कर गंगा किनारे के मछुआरों, वोट चलाने वाले को साधा है. बता दें कि कांग्रेस यूपी की 80 सीटों में से अधिकांश पर लड़ेगी.
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यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि निषाद पार्टी, जनवादी पार्टी (समाजवादी) और राष्ट्रीय समानता दल पूरे राज्य में गठबंधन के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे.' अखिलेश यादव ने यह संकेत दिया कि ये पार्टियां वोट ट्रांसफर करने में मदद करेंगी, क्योंकि मायावती ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की संभावनाओं से इनकार कर दिया है.
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निषाद पार्टी का नाविकों और मछुआरों के बीच प्रभाव है. यह पार्टी पिछले साल उस समय सुर्खियों में आई थी, जब पार्टी प्रमुख संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के दौरान गठबंधन के उम्मीदवार बने थे. गठबंधन के लिए एक परीक्षण के रूप में किया गया यह प्रयोग बेहद सफल रहा था. यूपी के मुख्यमंत्री बनने से पहले यह सीट योगी आदित्यनाथ ने पांच बार जीती थी, लेकिन बीजेपी ने वह सीट प्रवीण कुमार निषाद से गंवा दी. प्रवीण निषाद ने सपा उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से चुनाव लड़ा था.
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संजय सिंह चौहान के नेतृत्व वाली जनवादी पार्टी (समाजवादी) का अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित समुदाय पर अधिक प्रभाव है. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले इस पार्टी ने मायावती का समर्थन किया था. वहीं, राष्ट्रीय समानता दल का पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक अन्य ओबीसी समुदाय कुशवाहा जाति के बीच अच्छी पकड़ है.
उत्तर प्रदेश में 80 सीटें, 7 चरणों में मतदान
11 अप्रैल: गौतमबुद्ध नगर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, सहारनपुर
18 अप्रैल: अलीगढ़, अमरोहा, बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी, नगीना
23 अप्रैल: मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत
29 अप्रैल: शाहजहांपुर, खेड़ी़, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कनौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झांसी, हमीरपुर
6 मई: फिरोजाबाद, धौरहरा, सीतापुर, माेहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, बहराइच, कैसरगंज, गोंडा
12 मई: सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही
19 मई: महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सालेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज