‘लकी’ कुर्सी पर फिर से PM मोदी को बिठाने की तैयारी, पांच साल से रखी है कांच के बक्से में, जानें BJP क्यों मानती है इसे शुभ

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का मानना है कि यह कुर्सी पार्टी के लिये काफी भाग्यशाली है.

‘लकी’ कुर्सी पर फिर से PM मोदी को बिठाने की तैयारी, पांच साल से रखी है कांच के बक्से में, जानें BJP क्यों मानती है इसे शुभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.(फाइल तस्वीर)

खास बातें

  • BJP नेता मानते हैं इस कुर्सी को शुभ
  • फिर चर्चा में आई कुर्सी
  • पांच साल से रखी थी कांच के बक्से में
लखनऊ:

Lok Sabha Election 2019: पांच साल से अधिक समय से कांच के बक्से में रखी एक 'लकड़ी की कुर्सी' जिसे चुनावी माहौल में भाजपा (BJP) के लिए शुभ माना जाता है, एक बार फिर चर्चा में है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का मानना है कि यह कुर्सी पार्टी के लिये काफी भाग्यशाली है क्योंकि जब-जबपीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) इस कुर्सी पर बैठे हैं, भाजपा कानपुर के आसपास की सीटें तो जीती ही है, साथ ही केंद्र और प्रदेश में भी पार्टी को अभूतपूर्व सफलता मिली है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शनिवार यानि आठ मार्च की रैली के लिए एक बार फिर इसे रंग-रोगन कर तैयार किया जा रहा है और भाजपा नेताओं की इच्छा है कि प्रधानमंत्री मोदी फिर इसी कुर्सी पर बैठे और एक बार फिर केंद्र में मोदी सरकार बने. 

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भारतीय जनता पार्टी कानपुर के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया, ‘2014 लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में अपनी पहली चुनावी विजय शंखनाद रैली 19 अक्टूबर 2013 को इंदिरा नगर मैदान में की थी तब इस कुर्सी पर वह पहली बार बैठे थे. उसके बाद अप्रैल 2014 में कोयला नगर में लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी रैली एक बार फिर कानपुर के कोयला नगर मैदान में हुई तो फिर मोदी जी इसी कुर्सी पर बैठे. इसके बाद वह देश के प्रधानमंत्री बन गयें.'

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साथ ही मैथानी कहते है, ‘इसके बाद सितंबर 2016 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने निराला नगर मैदान में एक चुनावी सभा की थी जिसमें एक बार फिर वह इसी कुर्सी पर बैठे थे और 2017 में उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बनी थी.'

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उन्होंने कहा कि इसके बाद से भाजपा नेताओं का मानना है कि जब जब मोदी इस कुर्सी पर बैठते है तो प्रदेश में भाजपा को भारी जीत मिलती है. इसलिये भाजपा ने इस कुर्सी को उस डीलर से खरीद लिया जिसने रैली के लिए इसे मुहैया कराया था. बाद में इसे भाजपा कार्यालय में शीशे के एक बक्से में धरोहर के रूप में रख दिया गया था और आज भी वह पूरी तरह से सुरक्षित है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)