चुनाव आयोग के इस कदम को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बीजेपी का दबाव बताया है. उन्होंने बंगाल मामले पर समर्थन करने के लिए बाकी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया और कहा, 'मायावती, अखिलेश यादव, कांग्रेस, चंद्रबाबू नायडू और बाकी सभी लोगों को हमारा और बंगाल के लोगों का समर्थन करने के लिए धन्यवाद. बीजेपी के दबाव में चुनाव आयोग ने जो पक्षपाती फैसला किया है वह लोकतंत्र पर सीधा हमला है. जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी.'
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EC अपनी स्वतंत्रता खो चुका है: कांग्रेस
कांग्रेस ने चुनाव आयोग के कदम को लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा' करार देते हुए बुधवार को दावा किया कि आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है तथा इस संवैधानिक संस्था के लिए नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता एवं निर्भीकता पर कब्जा कर लिया है? सुरजेवाला ने मीडिया से कहा, ‘हमें दुख के साथ कहना पड़ा रहा है कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है। वह अपनी योग्यता, क्षमता, निर्भीकता और निष्पक्षता के लिए जाना जाता रहा है। आज जब प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लोकतंत्र पर हमला बोला जा रहा है तो चुनाव आयोग डरा, थका और असहाय नजर आ रहा है। वह प्रजातंत्र का चीरहरण होते हुए देख रहा है।'
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यह प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता- मायावती
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उनके नेताओं की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाया जाना बहुत ही खतरनाक और अन्यायपूर्ण प्रवृत्ति है तथा यह देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता. मायावती ने कहा, ‘बंगाल में आये दिन कोई न कोई खबर जरूर सुर्खियों में रहती है जिसके लिये भाजपा और आरएसएस के लोग जिम्मेदार हैं. बंगाल में हिंसा को देखें तो साफ पता चलता है कि मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में उनकी पार्टी और सरकार ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत ममता बनर्जी की सरकार को निशाना बनाया है ताकि लोगों का ध्यान मोदी सरकार की कमियों और विफलताओं से हटाया जा सके.'
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उन्होंने कहा, ‘गुरू और चेले जिस तरह हाथ धोकर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के पीछे पड़े हैं वह एक खतरनाक प्रवृत्ति है जो उचित व न्यायसंगत नहीं है। जिस प्रकार ममता बनर्जी और उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है वह देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता.'
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साथ ही बसपा प्रमुख ने कहा, ‘इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि केंद्र सरकार के दबाव में मुख्य चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एक दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी और वह भी आज प्रधानमंत्री की दो रैलियां वहां खत्म होने के बाद रात दस बजे से... इसकी हमारी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है.' उन्होंने कहा कि अगर प्रचार पर रोक लगानी ही थी तो आज सुबह से लगानी चाहिए थी। इससे स्पष्ट होता है कि वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त के रहते हुये इस बार का लोकसभा चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं है.
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