Kaala Movie Review: रजनीकांत ने जीत लिया दिल, 'काला' सफेद है और सफेद 'काला' है

Kaala Movie Review: रजनीकांत भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा नाम है, जिसे किसी इंट्रोडक्शन की जरूरत नहीं. Thalaivar रजनीकांत के नाम के जोक बनते हैं और वे सोशल मीडिया से लेकर दर्शकों के दिलों तक छाए रहते हैं. लेकिन काला (Kaala) कुछ हटकर है.

Kaala Movie Review: रजनीकांत ने जीत लिया दिल, 'काला' सफेद है और सफेद 'काला' है

काला रिव्यूः नए अंदाज में दिखेंगे रजनीकांत

खास बातें

  • पा रंजीत ने किया है डायरेक्ट
  • 'काला' में नए अंदाज में दिखेंगे रजनीकांत
  • नाना पाटेकर भी हैं फिल्म में
नई दिल्ली:

बॉक्स ऑफिस के बादशाह रजनीकांत (Rajinikanth) भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा नाम है, जिसे किसी इंट्रोडक्शन की जरूरत नहीं. Thalaivar रजनीकांत के नाम के जोक बनते हैं और वे सोशल मीडिया से लेकर दर्शकों के दिलों तक छाए रहते हैं. रजनीकांत की इमेज सुपरहीरो की है और वे चुटकी बजाकर कुछ भी कर सकते हैं. रजनीकांत की फिल्मों में उन्हें लार्जर दैन लाइफ दिखाया जाता है. लेकिन Kaala (काला) कुछ हटकर है. पा रंजीत ने रजनीकांत के साथ 'कबाली' बनाई थी और ये फिल्म मलेशिया में तमिल लोगों की कहानी पर आधारित थी. वैसे भी पा रंजीत का कहना है कि वे ऐसी फिल्में बनाने में यकीन करते हैं जो समाज में मौजूद भेदभावों को खत्म करने का काम करे. इस तरह पा रंजीत ने रजनीकांत के साथ मिलकर कुछ हटकर किया है. फिल्म में बेशक मुद्दा पुराना है लेकिन रजनीकांत को इस इमेज में देखना वाकई दिलचस्प है. फिल्म देखकर बात समझ भी आ जाती है कि आखिर पा रंजीत जैसे नए डायरेक्टर के साथ रजनीकांत ने किस तरह बैक टू बैक दो फिल्में करने का फैसला लिया. 'काला (kaala)' का सार यह है कि जो 'काला' है वह 'सफेद' है और जो 'सफेद' है वह 'काला' है.

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'काला (Kaala)' की कहानी धारावी की है, जिसमें काला दादा है. वह गरीबों का मसीहा है, जिन लोगों के साथ रहता है उनका हमदर्द है. वह उनके दुख-सुख का साथी है, और एक आम इनसान है, जिसकी कई बैक  स्टोरी हैं. लेकिन गैंगस्टर से नेता बने नाना पाटेकर की नजर इस इलाके पर है, और वह इस जमीन को हथियाना चाहता है. बस, इसी तरह दोनों के बीच जंग चलती रहती है. खासियत यह है कि रजनीकांत किसी सुपरहीरो की तरह फिल्म में नजर नहीं आते हैं और यही फिल्म की जान है. फिल्म थोड़ी लंबी है और यह बात तंग करती है. जिस तरह से कॉमिक स्ट्रिप अंदाज में काला की बैकग्राउंड स्टोरी दिखाई गई है, वह देखना मजेदार है.

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रजनीकांत हमेशा की तरह फिल्म में फिट हैं. उनकी एंट्री उनके फैन्स को थोड़ा चौंका सकती है क्योंकि वे गुंडों से लड़ते हुए या गोली बारी करते हुए नहीं आते हैं, बल्कि उनके हाथ में बैट होता है और वे क्रिकेट खेलते हुए एंट्री लेते हैं. रजनीकांत के जोक्स उस समय फेल होते नजर आते हैं जब उस सीन में वे कोई बड़ा शॉट नहीं खेलते बल्कि क्लीन बोल्ड हो जाते हैं. वाकई यह सीन बहुत ही इंट्रेस्टिंग है. रजनीकांत का पुल के ऊपर बारिश में फाइटिंग सीन भी मस्त है और उनके फैन्स को खूब सीटियां मारने का मौका देता है. फिल्म के बाकी सभी एक्टर अच्छे हैं लेकिन जब फिल्म में रजनीकांत को फिर और कौन दिखता है. नाना पाटेकर ने भी अच्छी एक्टिंग की है .

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'काला' को पा रंजीत ने अच्छे से बुना है. कहानी में नयापन नहीं है लेकिन रजनीकात का नया रूप अच्छा लगता है. कहानी थोड़ी और मजबूत होती तो फिल्म शानदार कही जा सकती थी. रंजीत की कोशिश सेंसिबल सिनेमा बनाने की रहती है, और वह बात 'काला' में सफल रही है. रजनीकांत का नया अंदाज देखने के लिए 'काला' मस्टवॉच फिल्म है.

रेटिंगः 3.5 स्टार
डायरेक्टरः पा रंजीत
कलाकारः रजनीकांत, नाना पाटेकर, हुमा कुरैशी और अंजलि पाटील

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