पाकिस्तान के सांसद का दावा, प्राइम मिनिस्टर मोदी से बात हो गई है अब उनकी तरफ से पॉजिटिव बयान आएंगे

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के सांसद रमेश वाइकैन इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. शनिवार को उनकी मुलाकात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से हुई.

पाकिस्तान के सांसद का दावा, प्राइम मिनिस्टर मोदी से बात हो गई है अब उनकी तरफ से पॉजिटिव बयान आएंगे

रमेश वंकवानी, पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी से सांसद

खास बातें

  • पाकिस्तान के सत्ताधीश पार्टी के सांसद रमेश वंकवानी भारत दौरे पर
  • विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की मुलाकात
  • वी के सिंह के साथ बिता पूरा दिन
नई दिल्ली:

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के सांसद रमेश वाइकैन इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. शनिवार को उनकी मुलाकात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से हुई. उन्होंने दावा किया है कि वह पीएम मोदी से भी मिले और पुलवामा हमले के बाद पैदा हुए तनाव पर चर्चा की. वंकवानी से एनडीटीवी ने भी बात की. जहां उन्होंने कहा कि दोनों देशों की जनता अमन की राह पर चलना चाहती है. लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच तनाव बना रहे. अब वो वक्त बीत चुका है कि हम एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप लगाते रहें. हमने एक साथ बैठक अमन के रास्ते पर चलने का संकल्प लेना होगा. फ्रांस और जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय उन दोनों देशों के बीच भी तनाव हुआ करता था लेकिन कोशिश के बाद आज वो अच्छे दोस्त माने जाते हैं. उनसे पूछे गए सवाल और उनके जवाब कुछ इस तरह है.  

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सवाल: रमेश जी, आप क्या पैगाम लेकर आए हैं. 

जवाब: मैं आज गुरुनानक के हवाले के लिए मशहूर अमृतसर में खड़ा हूं. यहीं से शुरू होकर करतारपुर का पैगाम इंडिया की तरफ आया था. आज दिल्ली से आ रहा हूं. कल मेरी मुलाकात एक्सटरनल मिनिस्टर सुषमा स्वराज से हुई, प्राइम मिनिस्टर साहब से भी थोड़ा बहुत हाय हेल्लो हुआ है. मैं एक पॉजिटीव मैसेज लेकर आया हूं, कि दुनिया अमन की तरफ बढ़ रही है. हमें भी अमन की तरफ चलना चाहिए. हमें एक दूसरे के एलिगेशन से निकलना चाहिए. माज़ी सीखने के लिए होती है. रहने के लिए नहीं होती है. मैं समझता हूं कि यह चीज बिल्कुल क्लियर है. आज पाकिस्तान की सारी गर्वमेंट चाहती है कि हमारी जमीन किसी और मुल्क के खिलाफ इस्तेमाल न हो. ऐसी ही उम्मीद हम यहां (भारत) से भी चाहते हैं. ऐसी कौन सी अक्वूतें है जो दोनों देशों को दूर कर देती हैं. हमें इस पर बैठकर सोचना चाहिए. हमें एक दूसरे पर फेथ (विश्वास) डिवेलेप करना पड़ेगा. जब तक हमारा एक दूसरे पर फेथ नहीं होगा तब कर कुछ नहीं हो सकता है.    

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सवाल: क्या बातचीत हुई 

जवाब- देखिए मैंने कल मोहतरमा फॉरेन मिनिस्टर साहिबा को भी कहा, रिएक्शन पर रिएक्शन होंगे तो कहीं भी एंड नहीं होगा. कहीं न कहीं, किसी न किसी मोड़ पर हमें पॉजिटीव डायरेक्शन में जाना होगा. मैं ये समझता हूं कि मेरा यहां पर कुंभ के मेले के दौरान आपकी पर आना. यह एक मालिक की तरफ से, भगवान की तरफ से हुक्म है. जोकि एक हिंदू लीडर है. पाकिस्तान के हिंदू लीडर का सरपरा है. पाकिस्तान के पुराने पार्लियामेंट रेजिमेंट में उसका नाम है. हिंदुस्तान-पाकिस्तान का पार्लियामेंट फ्रेंडशिप ग्रुप का कंविनियर है. आज वो दोनों मुल्कों के बीच में अमन की राह के लिए जरिया बनकर आया है. (यहां वंकवानी अपनी बात कर रहे हैं) मैं समझता हूं कि मालिक ने कुंभ के मेले के मौके पर भेजा है. क्योंकि आज ऐसे हालात नहीं थे. कि इस हालात में मेरी तरफ से आना विदेश मंत्री से इतनी लंबी मुलाकात होना भगवान का आशीर्वाद  है. जब भगवान का आशीर्वाद होता है मंजिलें खुद ब खुद आसान हो जाती है.   

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सवाल- क्या आपको लगता है कि इसके (पुलवामा में हुए हमले) पीछे पाकिस्तान का रोल है या पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल किया गया है 

जवाब- बिल्कुल नहीं, ये आप सोचे ही नहीं कि पाकिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करेगा. सोच भी नहीं सकता.  अगर ऐसा कोई एविडेंस होगा तो उसके खिलाफ एक्शन होगा. पाकिस्तान की इंस्टीट्यूशन की सरपरस्ती में कोई चीज नहीं हुई है. अगर आपके पास ऐसा सबूत है कि वहां जैश इसकी क्रेडिट लेने की बात कह रहा है या वाकई उसने ऐसा कुछ किया है. अगर ऐसी कोई बात होगी तो उसके खिलाफ हमारी गर्वमेंट की तरफ से एक्शन देखेंगे. अब वो वक्त खत्म हो गया है कि माजी में ऐसी चीजें होती थी. एक तरफ टास्क होते थे दूसरी तरफ एक दूसरे पर इल्जामात लगाते थे.  अब वो वक्त नहीं है. अब वक्त आगे बढ़ने का है. पॉजिटीव डायरेक्शन में मालिक को नाजीर वाजिब मानकर हमें अपने लिए सबसे बड़ा ह्यूमिनिटी होना चाहिए. चाहें यहां पर दहशतगर्दी में किसी का नुकसान हो या वहां पर दहशतगर्दी में किसी का लॉस हो. जहां पर भी हो, हमें ऐसा सोचना चाहिए कि इंसान जात के साथ कत्ल है. इंसानों का कल्त है. जब तक हमारी ये सोच नहीं होगी. तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे.   

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सवाल- क्या आप कामयाब रहे? 

जवाब- बिल्कुल, मैं उसी टाइम... जब वहां से निकला हूं, जिस तरीके से एश्योरेंस दिलाई. जिस किस्म का जोश और जज्बा मुझसे मिलने के समय प्राइम मिनिस्टर का था. या उससे पहले एक पूरा दिन मैंने वी के सिंह साहब के साथ बिताया. मैं समझता हूं कि उन्होंने मुझे भी समझ लिया. मेरी आदत लोग मेरी फेस को देखकर पहचान जाते हैं. उनको पता है कि इंसान सच्चा है, पुराना सियासतदान है, कैपेबेल है, हॉनेस्ट है. और जो बातें ये कर रहे हैं उसमें सच्चाई है. आप देखेंगे कि दिन ब दिन प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की तरफ से पॉजिटीव रिस्पॉन्स आएगा. ये उनकी मेहरबानी है, उनकी कमजोरी नहीं है. मैं समझता हूं कि ऐसा ही हमारी तरफ से भी होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं आगे बढ़कर आउंगा कि ऐसा नहीं होना चाहिए. 

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सवाल: दोनों देशों को क्या करने की जरूरत है? 

जवाब: वो नेगेटिव लोग, जो वहां पर भी मौजूद हैं. जो यहां भी मौजूद हैं. उन्हें किनारे किए जाने की जरूरत है. हमें उन लोगों को लेकर आना होगा जो इधर की आवाम की आवाज हो और उधर की आवाम की आवाज हो. और इस वक्त दोनों मुल्कों चाहते हैं कि उनके बीच भाईचारा हो. कभी फ्रांस और जर्मनी भी कभी ऐसे दूर थे. लेकिन आज कोई पूछता नहीं कि आप फ्रांस में रहते हैं कि जर्मनी में रहते हैं. आज साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया भी इसी रास्ते की तरफ बढ़ रहे हैं. 

सवाल: क्या करतारपुर पर भी इस तनाव का असर देखने को मिलेगा? 

जवाब-करतारपुर अब खुला रहेगा, आप देखेंगे कि दो साइडें वहां खोलेंगे और दो साइडें इधर खोलेंगे. 

सवाल- क्या आप यहां की मुलाकात के बाद इमरान खान से भी मिलेंगे ? 

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जवाब- बिल्कुल, मैं वहां मिलूंगा और बताउंगा कि क्या कुछ बात हुई, मेरी इतनी वैल्यू है कि मेरी बात सुनी जाए. मैं मीडिया से भी गुजारिश करूंगा कि यहां के और वहां के... मेहरबानी करके अमन की बात करें. क्योंकि दोनों मुल्कों के 150 करोड़ लोग अमन चाहते हैं. ऐसी स्टेटमेंट न दे जिससे माहौल खराब हो.