Lok Sabha Election 2019: क्या यूपी में कांग्रेस की नैया पार लगा पाएंगी प्रियंका गांधी? पिछले चुनाव में मिली थी महज इतनी सीटें

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को महासचिव की जिम्मेदारी के साथ-साथ पूर्वी यूपी की कमान सौंपी है.

Lok Sabha Election 2019: क्या यूपी में कांग्रेस की नैया पार लगा पाएंगी प्रियंका गांधी? पिछले चुनाव में मिली थी महज इतनी सीटें

Priyanka Gandhi: यूपी में कांग्रेस की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी पार्टी ने प्रियंका गांधी को सौंपी.

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश में 29 साल से सत्ता में नहीं कांग्रेस
  • 2014 लोकसभा चुनाव में महज दो सीटें मिली
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश में मिले थे महज 5.75% मत
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) नजदीक आते ही सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को महासचिव की जिम्मेदारी के साथ साथ पूर्वी यूपी की कमान सौंपी है. प्रियंका से उम्मीद है यूपी में 29 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस की नैया को वह पार लगा देंगी. बता दें कि प्रियंका के चार्ज वाले पूर्वी यूपी में पिछले चुनाव में कांग्रेस को महज 5.75% वोट मिले थे. उत्तर प्रदेश में 1984 में लोकसभा की सिर्फ 2 सीटें हारने वाली कांग्रेस 2014 में सिर्फ 2 सीटें ही जीत पाई हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में उसे अवध में 17.44%, बुंदलेखंड में 6.61%, पश्चिमी यूपी में 6.58%, रुहेलखंड में 4.10 और प्रियंका के चार्ज वाले पूर्वी यूपी में सिर्फ 5.75 फीसद वोट मिले हैं. ऐसे में प्रियंका (Priyanka Gandhi) के सामने चुनौतियां बड़ी हैं. 

यह भी पढ़ें: मोदी सरकार को यूपी से उखाड़ फेंकने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे : प्रियंका गांधी

चार दिवसीय लखनऊ दौरा

बता दें कि प्रियंका गांधी राजनीति के दंगल में कूदने के बाद, अपने पहले राजनीतिक दौरे पर सोमवार (11 फरवरी) को लखनऊ जा रही हैं. प्रियंका चार दिन उत्तर प्रदेश में बिताएंगी. प्रियंका के साथ भाई राहुल गांधी भी होंगे. अपने 4 दिनों के प्रवास के दौरान प्रियंका पार्टी के नेताओं और कार्यकताओं से संवाद करेंगी. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने यूपी की 80 में से 42 सीटों की जिम्मेदारी कांग्रेस को और 38 की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी है. प्रियंका और राहुल गांधी के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी लखनऊ जाएंगे. बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी हर लोकसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं संग मुलाकात कर फीडबैक भी लेंगी. बता दें कि प्रियंका के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी की जिम्मेदारी दी गई है.

यह भी पढ़ें: राजनीति में कदम रखते ही प्रियंका गांधी को लेकर कांग्रेस नेताओं ने उठाई यह मांग

मोदी सरकार को यूपी से उखाड़ने का कर चुकी हैं ऐलान

प्रियंका गांधी भी कांग्रेस के महासचिवों की बीते दिनों हुई बैठक में यूपी से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कह चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि यूपी से मोदी को उखाड़ फेंकने के लिए वह पूरी ताकत लगा देंगी. प्रियंका ने पूरे यूपी में प्रचार करने की भी बात कही है. सूत्रों के अनुसार प्रियंका ने कहा कि' कांग्रेस अध्यक्ष का जो भी आदेश होगा वह मानूंगी. मैं सिर्फ 2019 के लिए नहीं लंबे वक्त के लिए जा रही हूं. जिम्मेदारी पूरी करने की पूरी कोशिश करूंगी.' उन्होंने कहा था कि 'मैं अभी नई हूं.

यह भी पढ़ें: प्रियंका गांधी वाड्रा के 'प्लान-20' से BSP सुप्रीमो मायावती को उत्तर प्रदेश में पहुंच सकता है तगड़ा नुकसान, 10 बड़ी बातें

कार्यकर्ताओं में आई नई जान

बता दें कि प्रियंका गांधी के कांग्रेस महासचिव बनने के बाद से पार्टी के कार्यकर्ताओं में नई जान आ गई है. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) के पद ग्रहण करने के बाद बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के बाहर जमा होकर 'प्रियंका गांधी जिंदाबाद', प्रियंका नहीं ये आंधी है, दूसरी इंदिरा गांधी है', प्रियंका गांधी आई है, नयी रोशनी लाई है' के नारे लगाए थे.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस नेता बोले: मोदी जी का दुर्भाग्य है कि वह अपनी पत्नी के साथ पोस्टर नहीं लगाते

यूपी में 2014 चुनाव में किस पार्टी का कितना वोट शेयर
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42.30 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 80 में से 71 सीटें जीती थीं. बीजेपी के वोट शेयर में करीब 24.80 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला था. जबकि 22.20 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सपा को पांच और 19.60 वोट शेयर के साथ बसपा को शून्य सीटें मिलीं थीं. वहीं 7.50 प्रतिशत वोट शेयर के साथ कांग्रेस ने दो सीटें मिलीं थीं. सपा को पिछली बार की तुलना में 18 सीटें कम मिलीं तो बसपा को 20 सीटों का घाटा उठाना पड़ा. बसपा के वोट शेयर में 7.82 प्रतिशत की कमी और सपा के वोट शेयर में 1.06 प्रतिशत की कमी थी.

VIDEO: क्या प्रियंका के राजनीति में आने से असर होगा?

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com