आयुष कोर्सेस में एडमिशन के लिए सी-पैट और आयुष नीट की अलग परीक्षाओं का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स को झटका लगा है. आयुर्वेद निदेशक ने आयुष कॉलेजों में एडमिशन को लेकर चल रही असमंजस को खत्म करते हुए आदेश जारी किया कि अब एमबीबीएस-बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए आयोजित नीट (नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) रैंकिंग से ही बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस में दाखिले होंगे.
दरअसल पिछले साल केंद्र सरकार ने एमबीबीएस-बीडीएस की राज्य प्रवेश परीक्षा सीपीएमटी पर रोक लगा दिया था और मामला कोर्ट पहुंचने के बावजूद साल 2016 के सत्र में स्टूडेंट्स को नीट के जरिये ही दाखिला मिला.
सेशन 2017 में एलोपैथ यूजी पाठ्यक्रमों के लिए सात मई को फुल फ्लैश नीट का आयोजन हुआ. हालांकि आयुष कोर्सेस की प्रवेश परीक्षा को लेकर असमंजस बना रहा. यह हाल तब था जब केंद्र सरकार ने 31 जनवरी को ही राज्यों को पत्र भेजकर नीट संबंधी सुझाव मांगे थे.
11 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने लिया था नीट में हिस्सा :
सात मई को आयोजित की गयी परीक्षा में कुल 11,38,890 छात्र नीट में शामिल हुये थे जिसमें से 6,11,539 ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास किया. इनमें से 2,66,221 अभ्यार्थी पुरुष जबकि 3,45,313 महिलाएं हैं. आठ समलैंगिक भी परीक्षा में शामिल हुये थे जिसमें से पांच उतीर्ण हुए हैं.
मेडिकल में एडमिशन के लिए होता है नीट का आयोजन :
नीट का आयोजन मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस में प्रवेश के लिए किया जाता है. इस परीक्षा के द्वारा उन कॉलेजों में प्रवेश मिलता है, जो मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया और डेटल कांउसिल ऑफ इंडिया के द्वारा संचालित किया जाता है.
चार हजार हैं आयुष कोर्सेस की सीटें
सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आयुष पाठ्यक्रमों की चार हजार के करीब सीटें हैं. इसमें सरकारी में बीएएमएस की 320, बीएचएमएस की 300, बीयूएमएस की 80 सीटे हैं. वहीं, निजी मेडिकल कॉलेजों में आयुष की 3600 के करीब सीटें हैं. पिछले साल इन कोर्सेस में एडमिशन के लिए 35 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था.
Advertisement
Advertisement