Diabetes: इन योगा आसनों से डायबिटीज और ब्लड शुगर को आसानी से करें कंट्रोल! इफेक्टिव होने के साथ हैं आसान

Yoga For Diabetes: योग डायबिटीज को मैनेज (Diabetes Management) में मदद कर सकता है. यह इंसुलिन (Insulin) के उत्पादन में सुधार करता है और रक्त शर्करा या ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को कम करने भी सहायक हो सकता है. योग का डायबिटीज रोगियों के जीवन पर बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यहां कुछ योग के बारे में बताया गया है जिन्हें हर डाइबिटीज रोगी को जानना चाहिए.

Diabetes: इन योगा आसनों से डायबिटीज और ब्लड शुगर को आसानी से करें कंट्रोल! इफेक्टिव होने के साथ हैं आसान

Diabetes: डाइबिटीज के साथ कई बीमारियों में फायदेमंद हैं ये योगासन!

खास बातें

  • डायबिटिक को नियमित अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए.
  • योग आपको ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद कर सकता है.
  • मधुमेह को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए स्वस्थ आहार खाएं.

Yoga For Diabetes: योग (Yoga) का प्राचीन (Traditional) और पारंपरिक विज्ञान (Science) जो 5,000 सालों से अस्तित्व में है, यह टाइप 2 मधुमेह (type 2 Diabetes) के साथ कई रोगों से बचाव करने में फायदेमंद हो सकता है. योग आपकी जीवनशैली में कई परिवर्तनकारी बदलाव लाता है. जब आप योग को अपने रुटीन में शामिल कर लेते हैं, तो आप अपने खाने के पैटर्न (Eating Patterns) को अधिक आत्म-जागरूकता (Self-Awareness) के साथ कंट्रोल करते हैं और आप नियमित रूप से जो खाते हैं, उस पर ध्यान देते हैं. अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करके, आप अपने ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycaemic Index) को नियंत्रित कर सकते हैं और इस प्रकार डायबिटीज (Diabetes) वाले लोगों में जटिलताओं के जोखिम (Risk Of Complications) को कम किया जा सकता है. योग एक डायबिटिक (Diabetic) के जीवन में कई बदलाव ला सकता है और ऐसे लोगों को डायबिटीज और डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं (Diabetes And Complications) का प्रबंधन करने में मदद कर सकता है.

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योग करने की करें कोशिश | Diabetes Management

1. कपालभाति (Kapalbhati)

कैसे करें कपालभाति  (Formation Of Kapalbhati)

सुखासन, अर्धपद्मासन, वज्रासन या पूर्णा पद्मासन की आरामदायक स्थिति में बैठें. अपनी पीठ, कंधों को आराम से रखें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी आँखें बंद करें. अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर ऊपर की ओर (In Prapthi Mudra) में रखें.

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kapalbhati 620Yoga For Diabetes: कपालभाति डायबिटीज को कंट्रोल करने में कर सकता है मदद - (फोटो- सांकेतिक)

तकनीक (Technique)

सामान्य रूप से सांस लें और एक छोटी, लयबद्ध और जोरदार सांस के साथ सांस छोड़ने पर ध्यान दें. आप अपने पेट का उपयोग डायाफ्राम और फेफड़ों से इसे कंप्रेस करके हवा को जबरदस्ती बाहर निकालने के लिए कर सकते हैं. जब आप अपने पेट से दबाव हटा देते हैं, तो सांस नॉर्मल होनी चाहिए यानि अपने आप आनी चाहिए बिना दबाव डाले. 3 मिनट के लिए मध्यम गति से दैनिक अभ्यास किया जाना है.

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कपालभाति के लाभ (Benefits Of Kapalbhati)

कपालभाति पाचन तंत्र के कार्य और पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करता है. यह काफी हद तक वजन घटाने और पेट की मांसपेशियों की टोनिंग में मदद करता है. सांस के साथ-साथ एकाग्रता और पेट के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.

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सावधानी (Caution)

अगर हाई ब्लड प्रेशर, हर्निया, दिल की बीमारियाँ, पीठ से जुड़ी समस्याएं हैं तो इससे परहेज करने की जरूरत है.

2. मांडुका आसन (मेंढक मुद्रा) (Manduka Asana (Frog pose)

कैसे करें मांडुका आसन (Formation Of Manduka Asana)

पस्चीमोत्थानासन से, अपने घुटनों को मोड़ें और उन्हें अपनी कोख (Pelvis) के ऊपर रखें और वज्रासन में बैठें. अपनी भुजाओं को आपने सामने रखें. अपने अंगूठे को अपनी हथेलियों में रखें इसके ऊपर बाकी अंगुलियां रखें और अपनी भुजाओं को अपनी कोहनी पर रखें. अपनी बॉल की हुई मुट्ठी को अपने ऊपरी शरीर पर रखें और अपने निचले शरीर के ऊपर रखें. अपनी गर्दन को आगे की ओर रखें और अपनी टकटकी को आगे की ओर केंद्रित करें. 
ब्रीदिंग मेथडोलॉजी- जब आप आगे झुकते हैं तब सांस छोड़ें.

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p1n8aanYoga For Diabetes: मांडुका आसन भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में फायदेमंद (फोटो- सांकेतिक)

मांडुका आसन के लाभ (Benefits Of Manduka Asana)

यह पेट के अंगों की मालिश करता है. यह कब्ज से छुटकारा दिलाने, पाचन में सहायता करता है और पेट की गैस को दूर करने में मददगार हो सकता है. यह डायबिटीज के लिए एक निवारक उपचार है. यह शरीर को आराम देता है और घबराहट को कम कर सकता है.

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सलाह (Advice)

गर्भवती महिलाओं को इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए. अगर टखने में दर्द है या हाल ही में टखनों में कोई चोट या सर्जरी हुई है, तो इस आसन से बचना चाहिए. अल्सर में इस आसन से बचना चाहिए. 

3. हलासन (Halasana)

कैसे करें हलासन (Formation Of Halasana)

फर्श पर पीठ के बल लेटें और अपनी हथेलियों को अपने शरीर के पास रखें. अपने पेट की मांसपेशियों का उपयोग करते हुए, अपने पैरों को 90 डिग्री की ऊँचाई पर उठाएं, फर्श पर अपनी हथेलियों को मजबूती से रखें और अपने पैरों को अपने सिर के पीछे तक लाएं. अपनी पीठ के निचले हिस्से को ऊपर उठाएं. अपने पैर की उंगलियों से फर्श को छूने की कोशिश करें. अपनी छाती को अपनी ठोड़ी के करीब लाने के लिए जितना संभव हो सके प्रयास करें. हथेलियां फर्श पर सपाट रखें, लेकिन व्यक्ति अपनी कोहनी को मोड़ सकता है. अपनी सहूलियत के अनुसार हथेलियों से पीठ को सहारा दे सकते हैं. पैरों को उठाते समय सांस लें और अंतिम स्थिति संभालने के बाद धीरे-धीरे सांस छोडें.

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हलासन के लाभ (Benefits Of Halasana)

- यह कब्ज और पेट के विकारों को दूर कर सकता है. 
- हलासन से शरीर के वसा को कम करने में मदद मिल सकती है. 
- थायरॉयड, किडनी, तिल्ली और अग्न्याशय को बेहतर बनाने में फायदेमंद हो सकता है. 
- यह हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी सहायक हो सकता है. 
- मासिक धर्म के विकारों से पीड़ित महिलाओं के लिए भी फायदेमंद हो सकता है. 
- स्मरण शक्ति में सुधार कर सकता है.  
- स्किन के लिए लाभदायक हो सकता है हलासन.

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इन योग आसनों के अभ्यास के दौरान आपकी बॉडी स्ट्रेच होती है. जहां अग्न्याशय होता है वहां काठ (Lumbar) और वक्षीय क्षेत्रों (Thoracic Regions) को घुमाते हैं. यह इंसुलिन को बनाने में फायदेमंद हो सकता है और ब्लड शुगर को कम कर सकता है. योग का आपके पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि योग तनाव हार्मोन को कम करता है, जो मधुमेह के लिए एक प्रमुख ट्रिगर है.

(ग्रैंड मास्टर अक्षर एक योग मास्टर, आध्यात्मिक गाइड और लाइफस्टाइल कोच हैं)

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