पुलवामा हमले को लेकर कश्मीर घाटी के नेताओं पर राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह के एक बयान के बाद राजनीतिक बहस शुरू हो गई है.
खास बातें
- जितेंद्र सिंह ने कश्मीर में आतंकवादियों को पनाह दिए जाने पर उठाया सवाल
- पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी जताई तीखी प्रतिक्रिया
- अधिकांश दलों के नेता आतंकी हमले के खिलाफ एकजुट दिखे
नई दिल्ली: पुलवामा में हुआ आतंकी हमला उड़ी में हुए हमले से ज्यादा विनाशकारी, उड़ी में सितंबर 2016 में हुए हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे. तब चार आतंकियों ने सीआरपीएफ के कैंप को निशाना बनाया था. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए भीषण आतंकी हमले के चंद घंटे बाद ही केद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान के साथ राजनीतिक बहस शुरू हो गई है.
इस दुखद हमले को लेकर पार्टी लाइन से हटकर दुख व्यक्त करने के लिए नेता एकजुट हुए. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कुछ ऐसी टिप्पणियां कर दीं जो कश्मीर घाटी के नेताओं को नागवार गुजरीं और फिर प्रतिक्रियाएं आने लगीं.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में जितेंद्र सिंह ने कहा, "यह एक नृशंस कृत्य है. मंत्री ने एएनआई के हवाले से कहा, "मैं भारत में रहने वाले और खुद को मुख्यधारा के कश्मीरी राजनेता बताने वाले लोगों से पूछता हूं, जिनकी इन आतंकवादी गतिविधियों पर माफी मांगने की प्रवृत्ति है. यह प्रायोजित आतंकी गतिविधियां भारत की भूमि पर चलाई जा रही हैं.
उनकी टिप्पणी पर कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. इस पर ट्विटर पर आपस में अक्सर झगड़ने वाले प्रतिद्वंदी पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, दोनों ने खुद को सिंह के निशाने पर पाया.
अब्दुल्ला की तीखी टिप्पणी आई. महबूबा, जो कि पिछले जून तक बीजेपी के साथ गठबंधन में सहयोगी थीं, ने भी तीखी प्रतिक्रिया जताई.
महबूबा मुफ्ती ने जवाब दिया. "PMO के राज्यमंत्री के रूप में विवेकपूर्ण समझ आवश्यक है. आप सुरक्षा चूक के बारे में पूछताछ करें. इसके बजाय आप इसे हमें घेरने के अवसर के रूप में उपयोग कर रहे हैं. गलती के कारण समस्या होने का पता चलने पर हमें क्यों बदनाम कर रहे?"
हमले के बाद, अधिकांश दलों के नेताओं ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता का संदेश दिया.
सरकार ने सख्त कार्रवाई का वादा किया है. एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों का बलिदान "व्यर्थ नहीं जाएगा."
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केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट किया, "आतंकवादियों को उनके जघन्य कृत्य के लिए अविस्मरणीय सबक दिया जाएगा."