सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे
कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram)को विदेश जाने की मंजूरी दे दी है. लेकिन उन्हें यह मंजूरी सशर्त मिली है. कोर्ट ने उनसे कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे है, इसलिए वह 5,6,7 और 12 मार्च को ईडी के सामने पेश हों. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को विदेश जाने से पहले 10 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा कराने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब वह विदेश यात्रा से वापस आ जाएंगे तो उन्हें लौटा दिया जाएगा. सीजेआई रंजन गोगोई ने कार्ति के वकील से कहा, 'तुम्हें जहां जाना है जाओ. तुम जो करना चाहते हो करो. लेकिन 5,6,7 और 12 मार्च को यहां पेश हो जाना. अपने क्लाइंट से बता दीजिएगा कि अगर वह जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो हम सख्ती बरतेंगे.' सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति से कहा कि तुम सहयोग नहीं कर रहे हो, हम चाहते हैं कि आप खूब बोलें, लेकिन हम कुछ भी नहीं बोलना चाहते. सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को चेताया भी कि अगर वह सहयोग नहीं करेंगे तो कोर्ट उचित निर्देश जारी करेगी.
उत्तर प्रदेश में एक अजीब वाकया सामने आया है. अलीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारतीय जनता पार्टी के ही एक विधायक ने एक तरह से आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री जाति की राजनीतिक करते हैं. भारतीय जनता पार्टी के इगलास से विधायक राजवीर सिंह दिलेर ने यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह जाति की राजनीति नहीं करते हैं. यह मामला प्रकाश में तब आया जब बीजपी विधायक राजवीर सिंह दिलेर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. राजवीर सिंह दिलेर इगलाश से बीजेपी विधायक हैं.दरअसल अलीगढ़ की विधानसभा इगलास से बीजेपी विधायक राजवीर सिंह दिलेर उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीण गरीब महिलाओं के लिए गैस कनेक्शन वितरण करने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, जिसमें मंच से संबोधित करते हुए इतने लीन हो गए कि खुद की अपनी ही पार्टी से चुने हुए देश के प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप मढ़ दिया.
यह भी पढ़ें- इस कंपनी में डाल उस कंपनी से निकाल, 31000 करोड़ छू-मंतर
कोबरापपोस्ट वेबसाइट ने 31,000 करोड़ रुपये के कथित घोटाला का पर्दाफाश किया है. कोबरापोस्ट का कहना है कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेज़ों के विश्लेषण से ही घोटाले का पता चलता है. ये पैसा किसी कंपनी का नहीं है बल्कि जनता का पैसा है जिसे अलग अलग कंपनियां बनाकर उसके खाते में डाला जाता है, ये कंपनियां भी उन्हीं प्रमोटर की होती हैं जो लोन का पैसा इन्हें देते हैं.
कोबरा का मानना है कि यह भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है. कोबरापोस्ट की कहानी में किरदार है DHFL नाम की एक संस्था. जिसने कई शेल कंपनियों को लोन दिया, ग्रांट दिया. फिर इन कंपनियों के ज़रिए उस पैसे को भारत से बाहर ले जाया गया. उनसे संपत्ति ख़रीदी गई.कोबरापोस्ट की इस रिपोर्ट में Dewan Housing Finance Corporation Limited (DHFL) के प्रमोटर की भूमिका पकड़ी गई है. इसके हिस्सेदार (stakeholders) कपिल वाधवान, अरुणा वाधवान और धीरज वाधवान की कई शेल कंपनियां हैं जिसे DHFL से लोन दिया जाता है. इस पैसे से मारिशस, श्री लंका, दुबई, ब्रिटेन में शेयर और संपत्तियां खरीदी जाती है.इससे पता चलता है कि भारत का वित्तीय सिस्टम कितना खोखला हो चुका है. बिना गारंटी के करोड़ों के लोन जारी किए जाते हैं. लोने देने से पहले नियमों का पालन नहीं होता और न ही देने के बाद होता है.