Elections 2019: यूपी-बिहार में EVM की हेराफेरी और मशीनों के दुरुपयोग को लेकर चुनाव आयोग ने दिया यह बड़ा बयान

चुनाव आयोग (Election Commission) ने मतदान के बाद ईवीएम (EVM) को मतगणना स्थलों तक पहुंचाने में गड़बड़ी और उनके दुरुपयोग को लेकर मिली शिकायतों को गलत बताया.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Elections 2019) खत्म होने के बाद ईवीएम (EVM) का मुद्दा फिर तूल पकड़ता दिख रहा है. EVM और VVPAT के मुद्दे पर 22 विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की और चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर काउंटिंग से पहले सभी VVPAT पर्चियों की गिनती की मांग की है. उधर, चुनाव आयोग (Election Commission) ने मतदान के बाद ईवीएम (EVM) को मतगणना स्थलों तक पहुंचाने में गड़बड़ी और उनके दुरुपयोग को लेकर विभिन्न इलाकों से मिली शिकायतों को शुरुआती जांच के आधार पर गलत बताया. चुनाव आयोग की तरफ स कहा गया कि मतदान में इस्तेमाल की गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनें 'स्ट्रांग रूम' में पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

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चुनाव आयोग ने मतदान में इस्तेमाल की गई मशीनें 23 मई को हो रही मतगणना से पहले नयी मशीनों से बदलने के आरोपों और शिकायतों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताकर खारिज कर दिया. आयोग ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि मशीनों को मतगणना केंद्रों तक ले जाने में और उनके रखरखाव में गड़बड़ी की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए संबद्ध राज्यों के जिला निर्वाचन अधिकारियों से तत्काल जांच रिपोर्ट ली गई. जांच में पाया गया कि जिन मशीनों के बारे में शिकायत की गई है वे रिजर्व मशीनें थीं. इनका मतदान में इस्तेमाल नहीं किया गया था. 

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मतदान के दौरान ईवीएम में तकनीकी खराबी होने पर उन्हें रिजर्व मशीनों से बदला जाता है. बता दें कि आयोग ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी तथा बिहार की सारन सीट पर मतदान के बाद ईवीएम के दुरुपयोग की शिकायतों पर कार्रवाई के आधार पर किसी भी तरह की गड़बड़ी और दुरुपयोग की आशंका से इंकार किया. आयोग ने इन आरोपों के बारे में टेलीविजन और सोशल मीडिया में चल रहे वीडियो को गलत बताते हुए कहा कि इनमें दिखाई गई मशीनें मतदान में प्रयुक्त मशीनें नहीं हैं.

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आयोग ने झांसी में शिकायत की जांच के बाद स्थानीय निर्वाचन अधिकारी के बयान का हवाला देते हुए कहा, 'मतदान में इस्तेमाल हुई ईवीएम और वीवीपैट को व्यवस्थित रूप से सील करने के बाद मतगणना केंद्रों पर बने स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में सुरक्षित रखा गया है. इन जगहों पर केंद्रीय पुलिस बल के जवान तैनात हैं. स्ट्रांग रूम को उम्मीदवार और उनके निर्धारित प्रतिनिधि कभी भी देख सकते हैं.' आयोग ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित किये जाने के आधार पर मशीनों के दुरुपयोग और रखरखाव में गड़बड़ी की शिकायतों को गलत बताया.