Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी की रैलियों को इजाजत देने पर चुनाव आयोग पर उठाए सवाल 

Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आज लोकतंत्र के इतिहास का ''काला दिन'' है क्योंकि आयोग ने प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को रैलियों की इजाजत दी है.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) : कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के रोड शो के दौरान भड़की हिंसा के बाद चुनाव आयोग द्वारा राज्य में 16 मई की रात को ही चुनाव प्रचार रोकने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं.कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आज लोकतंत्र के इतिहास का ''काला दिन'' है क्योंकि आयोग ने प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को रैलियों की इजाजत दी है. बता दें कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी की दो रैली है. और चुनाव आयोग ने इन रैलियों के बाद ही रात दस बजे से राज्य में प्रचार बंद करने का फैसला किया है. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में कुल 9 सीटों पर मतदान होने है. रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में आज काला दिन है.

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पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया का अनुपालन नहीं हुआ है साथ ही आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि यह संविधान के साथ किया अक्षम्य विश्वासघात है. सुरजेवाला ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ चुनाव आयोग में 11 शिकायतें की हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. भाजपा के द्वारा हिंसा की गई और अमित शाह द्वारा धमकाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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सुरजेवाला ने कहा कि अब मोदी जी को 16 मई को रैलियों की इजाजत दी गई और दूसरे सभी लोगों को प्रतिबंधित कर दिया गया. कभी एक स्वतंत्र संवैधानिक इकाई रही संस्था में शर्मनाक गिरावट है. इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा कि अगर बंगाल में स्थिति इतनी ही खराब है तो चुनाव प्रचार रोक दिया जाना चाहिए. चुनाव आयोग गुरुवार तक का इंतजार क्यों कर रहा है? क्या इसलिए ऐसा किया जा रहा है कि गुरुवार को प्रधानमंत्री की रैलियां होनी हैं?'' उन्होंने पूछा कि क्या यह अप्रत्याशित नहीं है कि चुनाव आयोग यह दावा कर रहा है कि पश्चिम बंगाल में यह अप्रत्याशित परिस्थिति है, लेकिन वह फिर भी प्रधानमंत्री की चुनावी सभाएं संपन्न होने की प्रतीक्षा कर रहा है?"

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गौरतलब है कि कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा के कारण चुनाव आयोग ने फैसला किया कि गुरुवार रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा. पहले चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम 5 बजे खत्म किया जाना था. गौरतलब है कि चुनाव आयोग के इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आरोप लगाया था कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के इशारे पर ही चुनाव आयोग (Election Commission) ने समय सीमा से पहले रैली, सभाओं पर रोक लगा दी.

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ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अमित शाह (Amit Shah News) पर हमला बोलते हुए कहा था कि अन्याय अमित शाह करें और सजा हमें मिले. उन्होंने कहा था कि अमित शाह ने बंगालियों का अपमान किया है. उन्होंने पीएम मोदी पर भी हमला बोला. ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी ने मूर्ति तोड़ने की निंदा तक नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनावी सभाओं और रैलियों पर रोक का फैसला चुनाव आयोग का नहीं, बल्कि मोदी का है. ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी को चुनाव प्रचार खत्म करने का पूरा समय दिया गया. ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग को कोलकाता की हिंसा के लिए अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी.

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बता दें कि अमित शाह की रैली में हुई हिंसा (Kolkata Violance) के एक दिन बाद चुनाव आयोग ने भारत के चुनावी इतिहास में पहली बार आर्टिकल 324 के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार 20 घंटे पहले ही ख़त्म करने का फ़ैसला किया है. यानी गुरुवार रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार नहीं होगा, जबकि इसे शुक्रवार शाम पांच बजे बंद होना था. ये ध्यान दिया जाना ज़रूरी है कि कल बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की दो रैलियां हैं. माथुरपुर लोकसभा क्षेत्र में शाम पौने पांच बजे और दमदम में शाम साढ़े छह बजे प्रधानमंत्री रैली करेंगे. उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करना पड़ा हो.

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मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की 9 सीटें भी शामिल हैं. पूर्व निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले, 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थम जायेगा, लेकिन पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुए आयोग ने राज्य में निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात 10 बजे से किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार प्रतिबंधित कर दिया है. यह प्रतिबंध राज्य की सभी नौ सीटों पर 19 मई को शाम 5 बजे मतदान पूरा होने तक जारी रहेगा.

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इस बीच चुनाव आयोग ने राज्य में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अजय नायक को विशेष पर्यवेक्षक और पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी विवेक दुबे को विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है. इसके अलावा आयोग ने आईपीएस अधिकारी और पश्चिम बंगाल की खुफिया शाखा सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को सेवा मुक्त कर केंद्रीय गृह मंत्रालय से संबद्ध कर दिया है. उन्हें 16 मई को सुबह दस बजे तक मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है. साथ ही आयोग ने पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य को भी सेवामुक्त कर उनका प्रभार राज्य के मुख्य सचिव को सौंपने का आदेश दिया है.