General Election 2019: बंगाल में रैली और सभाओं पर चुनाव आयोग की रोक, समय सीमा से 20 घंटे पहले ही खत्म होगा चुनाव प्रचार

Lok Sabha Election 2019: पश्चिम बंगाल में रैली और सभाओं पर चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से रोक लगा दी गई है.

General Election 2019: बंगाल में रैली और सभाओं पर चुनाव आयोग की रोक, समय सीमा से 20 घंटे पहले ही खत्म होगा चुनाव प्रचार

Election 2019: अमित शाह की रैली में हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने बंगाल में रैली और सभाओं पर लगाया रोक.

खास बातें

  • बंगाल में कल रात 10 बजे से प्रचार पर रोक
  • सभी 9 लोकसभा क्षेत्रों में प्रचार कल रात से बंद
  • पहली बार धारा 324 का इस्तेमाल किया गया है
नई दिल्ली:

Election 2019: बीजेजी अध्यक्ष अमित शाह की रैली में हुई हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल में रैली और सभाओं पर चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से रोक लगा दी गई है. चुनाव आयोग की तरफ से जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई. यह फैसला 16 मई की रात 10 बजे से प्रभावी होगा. बंगाल की सभी 9 लोकसभा क्षेत्र में कल रात 10 बजे के बाद से चुनाव प्रचार (Election Campaigning) पर रोक लग जाएगी. ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रचार की समय सीमा खत्म होने से लगभग 20 घंटे पहले ही चुनाव आयोग ने वहां की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया है. चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि कोई भी व्यक्ति 16 मई की रात 10 बजे के बाद इस चुनाव से संबंधित कोई भी पब्लिक मीटिंग नहीं कर सकता. यह पहली बार होगा कि धारा 324 का इस्तेमाल किया गया है.

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बता दें कि इससे पहले अमित शाह (Amit Shah) के रोड शो के दौरान हुई हिंसा में ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने पर टीएमसी (TMC) की स्टूडेंट विंग ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा सीपीआई(एम) ने भी इसके विरोध में विरोध प्रदर्शन किया. सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'जांच होनी चाहिए कि यह कोलकाता में कैसे हुआ?' वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी विरोध प्रदर्शन किया है. अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में प्रदर्शन किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, जितेंद्र सिंह और विजय दौरान प्रदर्शन में मौजूद थे. भाजपा नेताओं ने अंगुली मुंह पर रखी हुई थी और हाथ में बैनर पकड़े हुए थे. इन बैनरों पर लिखा था, 'बंगाल बचाओ, लोकतंत्र बचाओ.' 

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वहीं बंगाल पुर्नजागरण काल की प्रमुख हस्ती और जाने-माने सुधारवादी ईश्वरचंद्र विद्यासागर (Ishwar Chandra Vidyasagar) की आवक्ष प्रतिमा कथित तौर पर तोड़े जाने के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं ने बुधवार को अपने-अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर उनकी ‘प्रदर्शित तस्वीर' (डिस्पले पिक्चर या डीपी) लगाई है. सोशल नेटवर्किंग मंचों ट्विटर और फेसबुक पर तृणमूल कांग्रेस के अधिकारिक प्रोफाइल की डीपी को बदलकर उनकी जगह ईश्वरचंद्र विद्यासागर की तस्वीर लगाई गई है.

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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर जर्बदस्त हमला करते हुए मंगलवार को बनर्जी ने कहा था, ‘अमित शाह खुद को क्या समझते हैं? क्या वह सब से ऊपर हैं? क्या वह भगवान हैं कि उनका कोई विरोध नहीं कर सकता?' बंगाल पुर्नजागरण काल की अहम शख्सियत और 19वीं सदी के समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर के नाम पर बने कॉलेज में कथित भाजपा कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की तथा उनकी आवक्ष प्रतिमा को तोड़ दिया था. माकपा ने भी घटना पर विरोध जताते हुए एक रैली का आह्वन किया है. शहर के बुद्धिजीवी बुधवार की शाम को कॉलेज से विरोध मार्च निकालेंगे.

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वहीं दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के लिए राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ‘मूक दर्शक' बना हुआ है. शाह ने यह भी कहा कि मंगलवार को जब कोलकाता में उनके काफिले पर कथित हमला किया गया तब वह सीआरपीएफ की सुरक्षा के बिना, सकुशल बच कर नहीं निकल पाते. 

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