कपिल शर्मा
नई दिल्ली:
कपिल शर्मा टेलिविजन का बड़ा चेहरा हैं लेकिन सिल्वरस्क्रीन पर उनका जादू नहीं चल सका. उन्होंने फिल्म 'किस किस के प्यार करूं' के साथ बॉलीवुड में कदम रखा था और इस कॉमेडी फिल्म के साथ उन्होंने कामयाबी हासिल की. लेकिन बदलते समय के साथ कपिल शर्मा अपने काम से कम और अपने विवादों से ज्यादा सुर्खियों में रहने लगे. 'फिरंगी' के साथ वे प्रोड्यूसर भी बन गए. लेकिन फिल्म का बॉक्स आफिस पर जो हश्र हुआ उसने उनके फैन्स को सकते में डाल दिया. आइए जानते हैं वे पांच वजहें जिनसे 'फिरंगी' डिजास्टर बन गई:
फराह खान ने बिना नाम लिए कपिल को लगाई लताड़, कहा- असभ्य होते हैं ऐसे लोग
चला कॉमेडियन हीरो बनने
एक कॉमेडियन लीड एक्टर बन सकता है और संजीदा कलाकार भी. लेकिन पहले उसे बतौर अभिनेता खुद को स्थापित करना होता है. लेकिन कपिल सिर्फ एक कॉमेडियन के तौर पर खुद को स्थापित कर सके थे, उन्होंने जल्दबाजी करते हुए एक सीरियस एक्टर के तौर पर छवि बनाने की कोशिश की और यह उल्टी पड़ गई.
बासी कहानी और ढीली चाल
कपिल 'फिरंगी' से प्रोड्यूसर बने. कई बार एक एक्टर के प्रोड्यूसर बनना बहुत खतरनाक होता है. यही हुआ, कपिल खुद को दिखाने के चक्कर में कहानी को खींच ले गए. लगभग दो घंटे चालीस मिनट की फिल्म झेलना आसान नहीं है वे भी तब जब कहानी बासी हो. स्टारकास्ट नई और औसत किस्म की हो. फिल्म का हीरो जबरदस्ती सीरियस होने की कोशिश कर रहा हो.
मंगा पर हावी था लगान का भुवन
'फिरंगी' कई मायनों में 'लगान' जैसी ही है. दोनों में एक गांव हैं. उसके बाशिंदे हैं. फिर एक सामने दर-बदर हो ताने का डर है तो दूसरे के सामने लगान का. एक गांव में मंगा है दूसरे में भुवन. यानी कपिल अपनी दूसरी ही फिल्म में आमिर से मुकाबले की जुगत में थे. फिर भुवन की जिंदगी में भी अंग्रेजी मेम आती है तो मंगा की जिंदगी में भी. अब इसे किसकी गलती कहेंगे.
निगेटिव इमेज बना बैठे जिंदादिल इंसान
कपिल हमेशा आम आदमी की बात करते आए और उसी के अपनी कॉमेडी के केंद्र में रखा. लेकिन पिछले कुछ समय से उनके विवाद ही सामने आ रहे थे और कभी उनकी तबियत खराब होने की बात आती ते कभी अपने सह-कलाकारों के साथ मारपीट की. यही नहीं उन्होंने बहाने बनाकर कई सितारों को अपने कॉमेडी शो से बैरंग लौटाया. यही एटीट्यूड मीडिया में भी छाया रहा. इसका इन्पैक्ट लाजिमी था.
सिनेमा टीवी नहीं है
एक घंटा हंसाना और लोगों के साथ कनेक्ट बनाना आसान नहीं है लेकिन कपिल ने कर दिखाया. वे टीवी के सुपरस्टार बन गए. लेकिन सिल्वरस्क्रीन पर दर्शकों की डिमांड मनमाफिक चीज देखने की होती है क्योंकि वह पैसा खर्च कर रही होता है. वह ऐसी कोई चीज देखने में पैसा बर्बाद नहीं करेगा जो पुराने टाइप की हो. पहले देखी हुई लगे और सबसे बड़ी बात हीरे वैसा न करे जैसी उम्मीद दर्शकों ने उससे की हो. ये सबकुछ कपिल ने किया.
कपिल को हम बस यही कह सकते है कि वे अपनी यूएसपी को पहचानें, क्योंकि दर्शक एक हाजिरजवाब और प्यारे से इंसान के फैन हैं. जो उनके सक्सेस के कायल हैं. ऐसे में उन्हें उसी काम पर फोकस करना चाहिए जिसमें वे महारत रखते हैं. .
..और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
फराह खान ने बिना नाम लिए कपिल को लगाई लताड़, कहा- असभ्य होते हैं ऐसे लोग
टीवी पर हिट तो फिल्मों में फ्लॉप हुए कपिल शर्मा, दर्शकों से 'फिरंगी' को मिला बाबा जी का ठुल्लू
चला कॉमेडियन हीरो बनने
एक कॉमेडियन लीड एक्टर बन सकता है और संजीदा कलाकार भी. लेकिन पहले उसे बतौर अभिनेता खुद को स्थापित करना होता है. लेकिन कपिल सिर्फ एक कॉमेडियन के तौर पर खुद को स्थापित कर सके थे, उन्होंने जल्दबाजी करते हुए एक सीरियस एक्टर के तौर पर छवि बनाने की कोशिश की और यह उल्टी पड़ गई.
'फिरंगी' के रिलीज से ठीक पहले ऐसा क्या हुआ कि एक्ट्रेस ने गुपचुप रचाई शादी, नहीं पहुंचे कपिल शर्मा
बासी कहानी और ढीली चाल
कपिल 'फिरंगी' से प्रोड्यूसर बने. कई बार एक एक्टर के प्रोड्यूसर बनना बहुत खतरनाक होता है. यही हुआ, कपिल खुद को दिखाने के चक्कर में कहानी को खींच ले गए. लगभग दो घंटे चालीस मिनट की फिल्म झेलना आसान नहीं है वे भी तब जब कहानी बासी हो. स्टारकास्ट नई और औसत किस्म की हो. फिल्म का हीरो जबरदस्ती सीरियस होने की कोशिश कर रहा हो.
कपिल शर्मा से पंगा लेने वाले इस कॉमेडियन को करना पड़ रहा है चेहरा छिपाकर ट्रेन से सफर
मंगा पर हावी था लगान का भुवन
'फिरंगी' कई मायनों में 'लगान' जैसी ही है. दोनों में एक गांव हैं. उसके बाशिंदे हैं. फिर एक सामने दर-बदर हो ताने का डर है तो दूसरे के सामने लगान का. एक गांव में मंगा है दूसरे में भुवन. यानी कपिल अपनी दूसरी ही फिल्म में आमिर से मुकाबले की जुगत में थे. फिर भुवन की जिंदगी में भी अंग्रेजी मेम आती है तो मंगा की जिंदगी में भी. अब इसे किसकी गलती कहेंगे.
निगेटिव इमेज बना बैठे जिंदादिल इंसान
कपिल हमेशा आम आदमी की बात करते आए और उसी के अपनी कॉमेडी के केंद्र में रखा. लेकिन पिछले कुछ समय से उनके विवाद ही सामने आ रहे थे और कभी उनकी तबियत खराब होने की बात आती ते कभी अपने सह-कलाकारों के साथ मारपीट की. यही नहीं उन्होंने बहाने बनाकर कई सितारों को अपने कॉमेडी शो से बैरंग लौटाया. यही एटीट्यूड मीडिया में भी छाया रहा. इसका इन्पैक्ट लाजिमी था.
सिनेमा टीवी नहीं है
एक घंटा हंसाना और लोगों के साथ कनेक्ट बनाना आसान नहीं है लेकिन कपिल ने कर दिखाया. वे टीवी के सुपरस्टार बन गए. लेकिन सिल्वरस्क्रीन पर दर्शकों की डिमांड मनमाफिक चीज देखने की होती है क्योंकि वह पैसा खर्च कर रही होता है. वह ऐसी कोई चीज देखने में पैसा बर्बाद नहीं करेगा जो पुराने टाइप की हो. पहले देखी हुई लगे और सबसे बड़ी बात हीरे वैसा न करे जैसी उम्मीद दर्शकों ने उससे की हो. ये सबकुछ कपिल ने किया.
कपिल को हम बस यही कह सकते है कि वे अपनी यूएसपी को पहचानें, क्योंकि दर्शक एक हाजिरजवाब और प्यारे से इंसान के फैन हैं. जो उनके सक्सेस के कायल हैं. ऐसे में उन्हें उसी काम पर फोकस करना चाहिए जिसमें वे महारत रखते हैं. .
..और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं