कुछ तो खास है कर्नाटक चुनाव में - गुजरात, पूर्वोत्तर नहीं जाने वाली सोनिया गांधी भी कर रही हैं रैली

राहुल गांधी की कोशिशों को और बल देने के लिए सोनिया गांधी 8 मई को बीजापुर से हुंकार भरेंगी और कांग्रेस के लिए वोटों की अपील करेंगी.

कुछ तो खास है कर्नाटक चुनाव में - गुजरात, पूर्वोत्तर नहीं जाने वाली सोनिया गांधी भी कर रही हैं रैली

राहुल गांधी और सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कर्नाटक चुनाव में सोनिया गांधी बीजापुर में करेंगी रैली.
  • करीब दो साल बाद सोनिया गांधी करेंगी चुनावी रैली को संबोधित.
  • गुजरात चुनाव में भी नहीं गई थीं सोनिया गांधी.
नई दिल्ली:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव का प्रचार अंतिम चरण में है. एक तरफ जहां कांग्रेस अपनी सत्ता और साख बचाने के लिए दमखम लगा रही है, तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी 'कांग्रेस-मुक्त भारत' के मिशन को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक में कमल का फूल खिलाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. सभी राजनीतिक समीकरणों को देखें तो कांग्रेस के लिए इस चुनाव को जीतना काफी अहम है, क्योंकि गुजरात के साथ-साथ नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में लगातार मिलती हार के बाद लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस जीत के ट्रैक पर लौटना चाहेगी. यही वजह है कि कर्नाटक चुनाव की अहमियत को समझते हुए कांग्रेस पार्टी ने सोनिया गांधी को भी चुनावी प्रचार के लिए मैदान में उतार दिया है. कर्नाटक में कांग्रेस और राहुल गांधी की कोशिशों को और बल देने के लिए सोनिया गांधी 8 मई को बीजापुर से हुंकार भरेंगी और कांग्रेस के लिए वोटों की अपील करेंगी. यानी करीब दो साल बाद चुनावी सभा या रैली में सोनिया गांधी की वापसी हो रही है, क्योंकि इससे पहले सोनिया गांधी ने वर्ष 2016 में वाराणसी में आखिरी बार रोड शो किया था.

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हालांकि, कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सोनिया गांधी का भी नाम था, मगर अभी तक इस बात पर संशय था कि सोनिया गांधी कर्नाटक में चुनावी प्रचार करने जाएंगी या नहीं. मगर अब इस बात से पर्दा उठ चुका है और मंगलवार, यानी 8 मई को सोनिया गांधी बीजापुर सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करेंगी. सोनिया गांधी की यह चुनावी सभा कई मायनों में खास है. क्योंकि साल 2016 में रोड शो के बाद और राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी की यह पहली चुनावी रैली है. अभी तक कई राज्यों में चुनाव हुए, मगर सोनिया गांधी कहीं भी नजर नहीं आईं, मगर कर्नाटक में इस बार सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी को मजबूती देने की कोशिश करेंगी. यानी साफ है कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर कर्नाटक को खोना नहीं चाहती.

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साल 2017 के आखिर में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में कैंपेन या रैली से सोनिया गांधी अलग रहीं. गुजरात विधानसभा चुनाव को बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए सेमीफाइनल के रूप में देखा गया था, बावजूद इसके कांग्रेस पार्टी ने सोनिया गांधी को प्रचार करने के लिए गुजरात के रण में नहीं उतारा. इसके पीछे वजह यह बताई गई कि गुजरात चुनाव के समय ही राहुल गांधी की कांग्रेस के अध्यक्ष पद के रूप में ताजपोशी हुई थी और पार्टी राहुल गांधी के सहारे ही चुनाव जीतना चाहती थी. साथ ही सोनिया की तबीयत का भी कई बार हवाला दिया गया.

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वहीं, गुजरात चुनाव के बाद नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में भी विधानसभा चुनाव हुए, मगर वहां भी सोनिया गांधी नदारद दिखीं. गुजरात की तरह ही इन तीनों पूर्वोत्तर राज्यों में सोनिया गांधी ने खुद को चुनावी रैलियों से अलग रखा. मगर अब कर्नाटक चुनाव में वह रैली को संबोधित करेंगी और कांग्रेस की जीत के लिए पूरा जोर लगाएंगी. हालांकि, कर्नाटक चुनाव में सोनिया गांधी की बीजापुर में रैली होगी, यह तय है, मगर कितनी रैलियों को संबोधित करेंगी अभी तक यह तय नहीं है. मगर इतना तय है कि कांग्रेस के लिए यह आर-पार की लड़ाई है.

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गौरतलब है कि कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है और नतीजे 15 मई को आएंगे. इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से जहां मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ही CM कैंडिडेट हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं.

VIDEO: सिंपल समाचार: क्या कर्नाटक भी होगा कांग्रेसमुक्त?


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