विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Feb 08, 2019

मोदी के 'मास्टरस्ट्रोक' vs राहुल की 'रबड़ी' : कांग्रेस के 'तीन सियासी तीर' BJP को सत्ता से कर पाएंगे दूर?

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Polls 2019) में जीत दर्ज करने के लिए अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में मोदी सरकार (Modi Govt) एक से बढ़कर एक ऐलान कर रही है.

Read Time: 9 mins
मोदी के 'मास्टरस्ट्रोक' vs राहुल की 'रबड़ी' : कांग्रेस के 'तीन सियासी तीर' BJP को सत्ता से कर पाएंगे दूर?
लोकसभा चुनाव 2019: पीएम नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Polls 2019) में जीत दर्ज करने के लिए अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में मोदी सरकार (Modi Govt) एक से बढ़कर एक ऐलान कर रही है. वहीं, कांग्रेस (Congress) पार्टी चुनावी अभियानों और प्रेस कॉन्फ्रेंसों के माध्यम से वोटरों को लुभाने के लिए घोषणाओं यानी वादों की फेहरिस्त लंबी कर रही है. अभी तक जिस तरह से बीजेपी (BJP) और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर घोषणाएं की हैं, उस लिहाज से देखा जाए तो 2019 का चुनाव 'मोदी के मास्टरस्ट्रोक बनाम राहुल (Rahul Gandhi) की रबड़ी' होने वाला है. तीन हिंदी बहुल राज्यों में बीजेपी की हार ने जहां मोदी सरकार को लोकलुभावन घोषणाएं करने पर मजबूर कर दिया, वहीं विधानसभा चुनावों में जीत से बुलंद कांग्रेस फिर से वही रास्ता अपनाने की कोशिश में है, जिनकी बदौलत तीन राज्यों में उसकी सरकार बनी है. सरकारी नौकरियों में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण, तीन तलाक विधेयक और गरीब किसानों को सालाना पेंशन जैसे मोदी सरकार के मास्टरस्ट्रोक को काउंटर करने के लिए राहुल गांधी ने भी चुनावी रबड़ी देने का ऐलान कर दिया है. 

जिस दिन PM मोदी संन्यास लेंगे, मैं भी राजनीति को अलविदा कह दूंगी: स्मृति ईरानी

मोदी सरकार का चुनावी 'मास्टरस्ट्रोक':

सवर्णों की नाराजगी दूर करने की कोशिश
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार के बाद से मोदी सरकार इस चिंता में थी कि आखिर अब कौन सी रणनीति बनाई जाए, जिससे बीजेपी के लिए 2019 की राह आसान हो जाए. इसलिए तीन राज्यों के परिणाम से सबक लेते हुए बीजेपी ने अपना सबसे बड़ा दांव चला और उसने सरकारी नौकरियों में सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देना का ऐलान कर दिया. मध्य प्रदेश में बीजेपी को सवर्णों के रोष का सामना करना पड़ा. राजनीतिक पंडित भी यह मानते हैं कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजह एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्णों में नाराजगी ही रही. मगर लोकसभा चुनाव की मुश्किल राह को आसान बनाने के लिए मोदी सरकार ने सवर्णों को आरक्षण देकर बड़ा दांव चल दिया. बीजेपी को अब लगने लगा है कि सवर्ण इस सरकार के इस फैसले से बीजेपी के पक्ष में आ जाएंगे. 

राहुल गांधी ने नितिन गडकरी को बताया 'साहसी' तो पलटवार में मिला जवाब- आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं

मुस्लिम महिला वोटरों पर नजर
तीन तलाक विधेयक को मोदी सरकार अपना सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक मान रही है. इसकी वजह है कि बीजेपी को प्राय: मुस्लिमों का हित चाहने वाली पार्टी के तौर पर नहीं देखा जाता है. यही वजह है कि बीजेपी ने मुस्लिमों के बीच अपना वोट बैंक बनाने के लिए तीन तलाक को अपना सियासी हथियार बनाया. तीन तलाक कानून बनाकर मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के वोट को साधने की कोशिश की. कांग्रेस हालांकि, अब भी इस तीन तलाक कानून का विरोध कर रही है और उसने हाल ही में कहा है कि अगर उसकी सरकार बनती है कि वह इस कानून को खत्म कर देगी. तीन तलाक कानून को मुस्लिम के एक बड़े पक्ष का मानना है कि सरकार का यह फैसला मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी में एक नई रौशनी लाएगा. वहीं इस पर कांग्रेस का कहना है इसमें जो प्रावधान किए गए हैं, वह काफी कठोर है. 

विपक्ष की 23 पार्टियों की चुनाव आयोग से की गई यह मांग पूरी होने के आसार नहीं

किसानों को साधने की नियत
विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद तीन राज्यों में किसानों की कर्जमाफी कर कांग्रेस ने बीजेपी के लिए आगामी चुनावों को लेकर एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी थी. मगर मोदी सरकार शुरू से कहती आ रही है कि किसानों की कर्जमाफी सार्वभौम विकल्प नहीं है. यही वजह है कि जब मोदी सरकार को अपने इस कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करने का मौका मिला, तब उसने कांग्रेस के कर्जमाफी को काउंटर करने के लिए 6 हजार सालान रुपये देने का ऐलान कर दिया. बजट में मोदी सरकार ने यह ऐलान किया कि दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिए जाएंगे. यह ऐलान कर मोदी सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की कि सरकार किसानों के साथ है. 

आतंकवाद पर बोले अमित शाह: मोदी सरकार 'मौनी बाबा' मनमोहन सरकार नहीं, ये घुसपैठिये राहुल बाबा के मौसेरे भाई हैं क्या?

राहुल गांधी की चुनावी 'रबड़ी'

महिला आरक्षण विधेयक का वादा
तीन तलाक कानून और आरक्षण संबंधी मोदी सरकार के फैसलों को काउंटर करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपना मास्टरप्लान तैयार कर लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण का वादा कर दिया. राहुल गांधी ने चुनाव से पहले यह ऐलान कर दिया है कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी के सत्ता में आती है तो महिला आरक्षण विधेयक वरीयता के आधार पर पार्टी पारित करेगी. दरअसल, इस विधेयक का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करना है. इस मुद्दे पर आमराय नहीं बन पाने के चलते यह विधेयक लंबे समय से लंबित है.

लोकसभा चुनाव 2019 : राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला तय

किसानों की कर्जमाफी का वादा
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वहां के किसानों के कर्जमाफ कर दिए जाएंगे. सरकार बनते ही कांग्रेस की सरकारों ने ऐसा करके आम लोगों में एक संदेश देने की कोशिश की. मगर अब राहुल गांधी इसी कर्जमाफी की बैसाखी के सहारे लोकसभा चुनाव 2019 का वैतरनी भी पार करना चाहते हैं. यही वजह है कि राहुल गांधी अपनी चुनावी रैलियों में बार-बार यह दोहरा रहे हैं कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो देश भर के किसानों का कर्जमाफ कर दिया जाएगा. राहुल गांधी यह भी कह रहे हैं कि जैसे तीन राज्यों में उनकी सरकार ने 10 दिनों के भीतर कर्जमाफ किया, देश भर में भी दस दिन के भीतर कांग्रेस की सरकार ऐसा करके दिखाएगी. 

लोकसभा चुनाव 2019: यूपी में कांटे की टक्कर! क्या 2014 का प्रदर्शन दोहरा पाएगी BJP?

न्यूनतम आमदनी की गारंटी का वादा
रायपुर में 2019 के चुनाव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनता से कहा कि अब हम वो करने जा रहे हैं जो दुनिया में आजतक किसी भी सरकार ने नहीं किया होगा. हालांकि, ऐसा पूरी तरह नहीं है. कई ऐसे देश हैं जहां इससे मिलती-जुलती योजना चल रही है, जहां की सरकार अपने नागरिकों को न्यूनतम आमदनी देती है. राहुल ने कहा कि 2019 में कांग्रेस पार्टी की सरकार देश में हर नागरिक को न्यूनतम आमदनी की गारंटी देगी. इसका मतलब देश के हर ग़रीब व्यक्ति के बैंक अकाउंट में कांग्रेस सरकार न्यूनतम आमदनी देने जा रही है. देश में न कोई भूखा रहेगा, न कोई ग़रीब रहेगा. 

मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला: ग्रामीण कृषि बाजारों के विकास पर खर्च करेगी 2000 करोड़ रुपये

बहरहाल, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे, राजनैतिक दलों के पिटारों से कई ऐलान सामने आएंगे. चुनाव में वोटरों को अपनी ओर साधने के लिए सभी पार्टियां लोकलुभावन ऐलान करती हैं. जैसे ही चुनाव के तारीखों की औपचारिक मुनादी होगी, पार्टियां घोषणापत्र बनाने में जुट जाएंगी और फिर वादों की झड़ियां लगा देंगी. हालांकि, अगर कांग्रेस और बीजेपी की बात करे तो इन दोनों के बीच चुनावी टक्कर सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं रहने वाली है, बल्कि बात एक दूसरे पर भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप तक भी आएगी, जिसकी झलक अभी से ही दिखने लगी है. राहुल गांधी जहां एक ओर हर चुनावी सभा में राफेल में घोटाला और संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने का मोदी सरकार पर आरोप लगाते हैं, वहीं पीएम मोदी कांग्रेस पर देश को लूटने और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हैं. खैर देखना होगा कि अभी राहुल और पीएम मोदी अपने चुनावी तरकश से कौन-कौन से तीर चलाने वाले हैं. 

VIDEO: रणनीति: क्या 2019 चुनाव मोदी बनाम राहुल?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
मोदी के 'मास्टरस्ट्रोक' vs राहुल की 'रबड़ी' : कांग्रेस के 'तीन सियासी तीर' BJP को सत्ता से कर पाएंगे दूर?
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
Next Article
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;